Maharashtra Vidhan Sabha Chunav: महाराष्‍ट्र में जैसे ही चुनावी बिगुल बजा, बस उसके साथ ही मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के घर पर नेताओं के पहुंचने का सिलसिला चालू हो गया. मराठों के लिए आरक्षण की मांग के मुद्दे पर मशहूर हुए मनोज जरांगे इस बार चुनावों में महाराष्‍ट्र की सियासत में नया नाम हैं और वो जोर-आजमाइश करना भी चाहते हैं. इसलिए ही उन्‍होंने घर आने वाले नेताओं को आशीर्वाद देने के बजाय अपने कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारने का फैसला किया है. उन्‍होंने ऐलान किया है कि मराठा समुदाय बहुल सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे.


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उन्होंने मराठा समुदाय से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग के पीछे एकजुट होने और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने की अपील की. जरांगे ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण और हैदराबाद, बॉम्बे और सतारा के राजपत्रों की मसौदा अधिसूचनाओं को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें मराठा समुदाय को कृषक समूह कुनबी घोषित करते हुए ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण और लाभ के लिए पात्र बताया गया है. जरांगे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा आरक्षण आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है और उनके धुर विरोधी हैं.


सिर्फ इतना ही मराठा बाहुल्‍य क्षेत्र मराठवाड़ा में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का भी काफी कुछ दांव पर है क्‍योंकि उस अंचल में एमवीए यानी शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस अपने लिए स्‍कोप देख रही है. ऐसे में जरांगे की सियासत से किसका नुकसान होने जा रहा है ये अभी कुछ कहना जल्‍दबाजी होगी. 


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मनोज जरांगे ने क्‍या कहा
मनोज जरांगे ने कहा है कि वह महाराष्ट्र की उन विधानसभा सीट पर मराठा उम्मीदवार उतारेंगे, जहां इस समुदाय के लोगों की अच्छी-खासी आबादी है. जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में रविवार को सभा को संबोधित करते हुए जरांगे ने कहा कि वह केवल उन्हीं सीटों पर मराठा उम्मीदवार उतारेंगे, जहां समुदाय की जीत की संभावना है.


जरांगे ने कहा कि उनका समूह अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित क्षेत्रों में मराठा मुद्दों का समर्थन करने वाले अन्य उम्मीदवारों का समर्थन करेगा. उन्होंने कहा कि जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मराठा समुदाय की जीत की संभावना नहीं है, वहां उनका समूह पार्टी, जाति या धर्म की परवाह किए बिना उम्मीदवारों का समर्थन करेगा, बशर्ते वे आरक्षण की मांग का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हों. जरांगे ने कहा कि जो उम्मीदवार उपरोक्त मांग से सहमत हैं, उन्हें लिखित प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करना होगा.


महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी. जरांगे ने संभावित उम्मीदवारों से नामांकन पत्र दाखिल करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी उम्मीदवारी के बारे में अंतिम निर्णय 29 अक्टूबर को किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि किसी उम्मीदवार से नामांकन वापस लेने का अनुरोध किया जाता है तो उसे इसका अनुपालन करके नामांकन पत्र वापस लेना होगा.


(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)