खुशखबरी: इस तारीख से हुजूर साहिब नादेड़ के लिए चलेगी मराठवाड़ा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
महाराष्ट्र के मराठाक्षेत्र के दूसरे प्रमुख शहर के रूप में विख्यात नांदेड के लिए शुरू होने वाली इन नई ट्रेन को मराठवाड़ा सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस का नाम दिया गया है.
नई दिल्ली: हजूर साहिब सचखंड गुरुद्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है. भारतीय रेलवे जल्द ही दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से हजूर साहिब नांदेड के बीच नई ट्रेन का परिचालन शुरू करने जा रही है. महाराष्ट्र के मराठाक्षेत्र के दूसरे प्रमुख शहर के रूप में विख्यात नांदेड के लिए शुरू होने वाली इन नई ट्रेन को मराठवाड़ा सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस का नाम दिया गया है.
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हजूर साहिब नांदेड से हजरत निजामुद्दीन के बीच मराठवाड़ा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का परिचालन 19 मार्च से शुरू कर दिया जाएगा. फिलहाल, इस ट्रेन का परिचालन सप्ताह में एक दिन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ट्रेन संख्या 12753 हजूर साहिब नांदेड-हज़रत निजामुद्दीन साप्ताहिक मराठवाड़ा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 19 मार्च से प्रत्येक मंगलवार को हजूर साहिब से सुबह 8 बजे प्रस्थान करेगी. यह ट्रेन अगले दिन दोपहर 1 बजे हज़रत निजामुद्दीन पहुंचेगी.
उन्होंने बताया कि हजरत निजामुद्दीन से हजूर साहिब नांदेड जाने 12754 साप्ताहिक मराठवाड़ा सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस का ट्रेन नंबर 12754 होगा. यह ट्रेन 20 मार्च से प्रत्येक बुधवार को हज़रत निजामुद्दीन से शाम 07.50 बजे प्रस्थान करेगी और शुक्रवार को तड़के एक बजे हजूर साहिब नांदेड पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि इस ट्रेन में एक वातानुकूलित 2 टीयर, दो वातानुकूलित 3 टीयर, छ: शयनयान श्रेणी और चार सामान्य श्रेणी के कोच होंगे.
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस ट्रेन में दो दिव्यांग अनुकूल द्वितीय श्रेणी के कोच भी होंगे. यह ट्रेन परभनी, जालना, औरंगाबाद, मनमाड, जलगांव, भोपाल, झांसी और आगरा स्टेशनों पर होते हुए अपने गंतव्य पर पहुंचेगी. रेलवे ने स्पष्ट किया है कि हजूर साहिब नांदेड से हजरत निजामुद्दीन के बीच मराठवाड़ा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का ठहराव परभनी, जालना, औरंगाबाद, मनमाड, जलगांव, भोपाल, झांसी और आगरा स्टेशनों पर भी होगा.
अधिकारी ने बताया कि नांदेड महाराष्ट्र के मराठा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला दूसरा बड़ा शहर है. नांदेड शहर में ही विश्व विख्यात हजूर साहिब सचखंड गुरूद्वारा है. उल्लेखनीय है कि 1708 में सिख समुदाय के दसवें और अंतिम गुरू गोविंद सिंह के घोड़े दिलबाग ने हजूर साहिब में अंतिम सांस ली थी. इसके अलावा, गुरु गोविंद सिंह ने लंबे समय तक नांदेड में प्रवास भी किया था.