पहली बार स्पेशल मैरिज एक्ट से शादी, सात जन्मों के लिए एक हुए इरफान और दिक्षानी
Special Marriage Act: उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक मुस्लिम लड़के और हिन्दू लड़की की शादी की चर्चा जोरों पर है. इस कपल ने शादी करने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 का सहारा लिया. गौर करने वाली बात यह है कि चंदौली में किसी ने पहली बार स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत शादी की.
Special Marriage Act: उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक मुस्लिम लड़के और हिन्दू लड़की की शादी की चर्चा जोरों पर है. इस कपल ने शादी करने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 का सहारा लिया. गौर करने वाली बात यह है कि चंदौली में किसी ने पहली बार स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत शादी की. विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत इस विवाह का पंजीकरण जिलाधिकारी कार्यालय में हुआ.
मुस्लिम लड़के ने की हिन्दू लड़की से शादी
पंजीकरण के बाद कानूनी रूप से हिन्दू लड़की को मुस्लिम लड़के के पत्नी के रूप में मान्यता मिल गयी. दरसअल मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के निवासी इरफान और असम के जोरहाट जिले की निवासी दिक्षानी मध्यप्रदेश के अधिवासी इलाके में एक एनजीओ में साथ काम करते हैं. एक साल पूर्व दोनों ने आपसी सहमति से अपने धर्म के रीती रिवाज से विवाह कर लिया. विवाह को कानूनी मान्यता के लिए जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत विवाह का पंजीकरण कराने की गुहार लगाई थी.
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी
जिस पर दोनों के निवास स्थान और क्षेत्र से जांच पूर्ण होने के बाद इरफान और दिक्षानी के बयान दर्ज होने की प्रक्रिया पूर्ण हुई. मंगलवार 26 दिसम्बर 2023 को दोनों के विवाह का जिलाधिकारी कार्यालय में पंजीकरण हुआ. जिसमे लड़का और लड़की पक्ष से एक एक गवाह भी मौजूद रहे. इरफान ने बताया कि हम लोग मध्यप्रदेश में एक संस्था में काम करते हैं. एक साल पहले आसाम में हमने हिंदू रीति रिवाज से शादी की थी. और फरवरी में मुस्लिम रीति रिवाज से शादी की.
क्या कहा इरफान ने?
इरफान ने कहा कि लेकिन हमने स्पेशल मैरिज एक्ट से भी शादी करने का फैसला किया था. जिससे विवाह के बाद भी हमारा नाम और धर्म न बदले. इसके लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि इसमें लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है.