Poonch Terrorist Attack: शहीद चंदन की पिछले साल हुई थी शादी, पुंछ हमले से उजड़ा परिवार, मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल
Martyrs of Poonch Terrorist Attack: पुंछ आतंकी हमले में शहीद हुए 4 जवानों के घर पर कोहराम मचा है. उनके परिवारों को यकीन नहीं हो रहा है कि उनके लाडले अब उनके बीच नहीं रहे.
Family of Shaheed Chandan Kumar and Karan Yadav: कश्मीर पुंछ जिले में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हो गए हैं. आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद जवान गुरुवार तड़के आतंकी रोधी ऑपरेशन के लिए निकले थे तभी अंधेरे में घात लगाए बैठे आतंकियों ने सैन्य काफिले पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी. जिसमें 4 जवानों ने अपनी वीरगति दे दी. इस हमले में शहीद कानपुर के करन यादव भी एक रहे. वे कानपुर में चौबेपुर के भाऊपुर गांव के रहने रहने वाले थे. उनके शहीद होने की खबर से पूरे गांव में दुख और मातम का माहौल बना हुआ है.
परिवार में गम का माहौल
पुंछ में तैनात शहीद करन यादव के सहकर्मी ने देर रात उनके परिजनों को फोन करके घटना की सूचना दी. सूचना मिलते ही आस पास के लोग शहीद के घर पर इकट्ठे होने लगे और परिवार वालों को सांत्वना देने की कोशिश की. करन यादव सेना में लांसनायक के पद पर तैनात थे. शहीद के छोटे भाई अर्जुन ने बताया कि उनके पास उनकी भाभी का फोन आया और उन्होंने उन्हें घटना की जानकारी दी. भाई ने बताया की अगस्त में भैया घर आए थे और अब नए साल में आने वाले थे. उन्होंने बताया कि उनकी तीन बहनें और दो भाई है. शहीद करन की एक बेटी और बेटा भी है. घटना की जानकारी होने के बाद गांव में गम का माहौल है और ग्रामीणों का ताता लगा हुआ है.
नवादा के चंदन कुमार भी शहीद
कानपुर की तरह नवादा जिले में भी शोक की लहर है, जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के नारोमुरार गांव में रहने वाले चंदन कुमार भी पुंछ में हुए आतंकी हमले में शहीद होने वालों में थे. बेटे की शहादत पर परिवार के लोग गम के साथ-साथ गर्व की अनुभूति भी कर रहे हैं. गांव से बेसिक एजुकेशन हासिल करने के समय से ही देश सेवा का जुनून रखने वाले चंदन की इस शहादत से लोगों की आंखें नम है. लेकिन बेटे के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व भी है. 26 वर्षीय चंदन नारोमुरार निवासी मौलेश्वर सिंह और जयंती देवी के पुत्र थे.
खबर ने परिवार को झकझोर दिया
उनके बडे भाई पीयूष कुमार ने बताया कि गुरूवार की रात तकरीबन 12 बजे फोन आया कि चंदन आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं. इस खबर ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया. वहीं छोटे भाई अभिनंदन कुमार ने कहा कि पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ. जिस नंबर से फोन आया था, पुनः उस पर संपर्क किया. दोनों भाईयों ने कहा कि चंदन के जाने का गम तो है ही, लेकिन उसकी शहादत पर गर्व है. वह बचपन से ही देश सेवा का जज्बा पाले हुए थे.
पिछले साल हुई थी शादी
शहीद चंदन कुमार की शादी पिछले साल लखीसराय की शिल्पी कुमारी के साथ हुई थी. वर्ष 2017 में भर्ती होने के बाद हिंदू रीति रिवाज से 2022 में भाई की शादी कराई गई थी. इसे लेकर पूरे परिवार में खुशी छाई थी.
नवंबर में छुट्टी के बाद लौटे थे ड्यूटी पर
बडे भाई पीयूष ने बताया कि चंदन अक्टूबर में छुट्टी लेकर घर आए थे. करीब एक महीने तक घर में परिवार के साथ रहे. फिर नवंबर महीने में वापस ड्यूटी पर लौट गए. उन्होंने बताया कि परिवार के सभी सदस्य हर वक्त उसके साथ खडे रहे. उसके जुनून को देखते हुए उनकी तैयारियों में बाधा नहीं आने दी. चंदन की शहादत की खबर मिलते ही नारोमुरार गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है. लोगों की आंखें नम हैं. सभी अब देश के इस लाल के अंतिम दर्शन करना चाहते हैं.