मुंबई: मनसुख हिरेन हत्या मामले (Mansukh Hiren Murder Case)  में एनआईए (NIA) ने मुंबई उपनगर के बड़े व्यापारी का बयान किया दर्ज किया है. व्यापारी पूर्व एनकाउंटर स्पेशियलिस्ट प्रदीप शर्मा का बेहद करीबी माना जाता है.


किया आरोपियों के नेपाल जाने का बंदोबस्त 


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एनआईए को जांच में पता चला था कि मनसुख हिरेन की हत्या के बाद चार आरोपी संतोष शेलार, आनंद जाधव, सतीश मोठिकुरी और मनीष सोनी नेपाल चले गए थे. एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, इन चारों के नेपाल जाने का बंदोबस्त इसी व्यापारी ने किया था.


व्यापारी ने अपने बयान में बताया कि शर्मा के कहने पर इसने आरोपियों के नेपाल जाने का इंतजाम कराया था, लेकिन उसे इन लोगों के किए अपराध के बारे में जानकारी नहीं थी. सूत्रों की मानें तो एनआईए व्यापारी को इस मामले में एक गवाह भी बना सकती है.



सबूतों को मिटाने का आरोप


मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले (Mansukh Hiren Murder Case) में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) को गिरफ्तार किया था. प्रदीप पर सबूतों को मिटाने और साजिश में शामिल होने का आरोप है. वह संतोष सेलार का करीबी है , जो एनआईए की हिरासत में है. संतोष सेलार पर आरोप है कि वह मनसुख हत्याकांड में शामिल था.


ठाणे में हुई थी मनसुख हिरेन की हत्या


बता दें कि मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) मुंबई से सटे ठाणे जिला में गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स का बिजनेज चलाते थे और ठाणे के डॉ आंबेडकर रोड पर स्थित विकास पाम्स नाम की सोसायटी में रहते थे. मनसुख उस समय चर्चा में आए थे, जब एंटीलिया के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी कार मिली थी, जो मनसुख की थी.


इस घटना के बाद से मनसुख से मुंबई पुलिस ने कई बार घंटों तक पूछताछ की थी. हिरेन ने दावा किया था कि कार उनकी है, लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी. इस मामले में उस समय पेंच आया जब 5 मार्च को हिरेन का शव ठाणे में कलवा क्रीक में मिला. हिरेन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वझे को दी थी और उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी.