MEA On Indian Navy Officers: कतर में 8 भारतीयों की मौत की सजा मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस ब्रीफिंग में अपडेट दिया है. उन्होंने कहा कि 2 सुनवाई हो चुकी हैं. हमने परिवारों की ओर से एक अपील दायर की थी और यह बंदियों की अंतिम अपील थी. तब से 2 सुनवाई हो चुकी हैं. हम बारीकी से नजर रख रहे हैं. जिसमें मामले को देखना और सभी कानूनी-काउंसलर सहायता प्रदान करना शामिल है. इस बीच हमारे राजदूत को 3 दिसंबर को जेल में उन सभी 8 लोगों से मिलने के लिए कांसुलर पहुंच मिली. यह एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन हम नियमानुसार इसका पालन करना जारी रखेंगे और जो कुछ भी हम साझा कर सकते हैं, हम करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सभी से जेल में मिलने का काउंसलर एक्सेस
असल में इसका मतलब यह हुआ कि इस मामले में ताजा अपडेट यही है कि कतर की जेल में बंद सभी आठ पूर्व नौसेनिकों से मिलने का काउंसलर एक्सेस मिला है. एक प्रकार से यह एक अच्छी खबर है कि राजदूत को रविवार को आठों लोगों से जेल में मिलने का काउंसलर एक्सेस मिला है. इसके अलावा प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कई अन्य सवालों के भी जवाब दिए हैं. लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 'पीओके हमारा है' वाली टिप्पणी को पाकिस्तान द्वारा खारिज किए जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझे वास्तव में पीओके पर अपना रुख दोहराने की जरूरत है. मुझे इसकी जरूरत नहीं है. हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है, हम इसे भारत का हिस्सा मानते हैं और हमें निश्चित रूप से अपना बयान बदलने का कोई कारण नहीं दिखता है.


PAK में हो रहे घटनाक्रम पर टिप्पणी नहीं
पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा आतंकवादियों के मारे जाने पर उन्होंने कहा कि जो लोग भारत में आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों के लिए न्याय का सामना करना चाहते हैं, हम चाहेंगे कि वे भारत आएं और हमारी कानूनी प्रणाली का सामना करें. लेकिन मैं पाकिस्तान में हो रहे घटनाक्रम पर टिप्पणी नहीं कर सकता. एसएफजे प्रमुख पन्नू के खिलाफ मुकदमा चलाने पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने खा कि वह कानून के उल्लंघन के लिए हमारी एजेंसियों द्वारा वांछित है और एक प्रक्रिया है जिसके तहत हम सहायता मांगते हैं और उन पर मुकदमा चलाया जाता है, यह इस पर निर्भर करता है कि अपराध किया गया है या नहीं. हमारे मामले में, मुझे लगता है कि भारत में किस तरह के अपराधों के लिए वह जिम्मेदार है, इसके बारे में विस्तार से अनुरोध किया गया है. हमने भारत या भारतीय राजनयिकों के खिलाफ चरमपंथियों या आतंकवादियों द्वारा की गई किसी भी धमकी के बारे में अपने भागीदारों को चिंताएं भी बताई हैं.


मृतक भारतीय छात्रों की संख्या मामले में
वहीं विदेश में मृतक भारतीय छात्रों की संख्या कनाडा में सबसे अधिक होने पर अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा संख्यात्मक रूप से सबसे अधिक है, लेकिन मैं आग्रह करूंगा कि उन्हें उस देश में भारतीय छात्रों की कुल संख्या के संबंध में देखा जाए. हमें यह देखने की आवश्यकता होगी कि क्या ये हिंसा या कार दुर्घटनाओं के कारण हैं, हम नहीं जानते. मुझे नहीं पता कि क्या यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सरकार के समक्ष उठाया जाना चाहिए. ऐसी व्यक्तिगत घटनाएं हैं जहां बेईमानी हुई है. हमारे वाणिज्य दूतावास परिवारों तक पहुंचते हैं, हम अभियोजन या अन्य जांच के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ भी बात करते हैं जो वे कर रहे हैं.


अफगान दूतावास के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास और मुंबई और हैदराबाद में वाणिज्य दूतावास काम कर रहे हैं. आप झंडे से देख सकते हैं कि वे किसका प्रतिनिधित्व करते हैं और संस्थाओं की स्थिति पर हमारी स्थिति नहीं बदली है. अफगान राजनयिक यहां अफगान नागरिकों को सेवाएं प्रदान करना जारी रखेंगे.