नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने कृषि कानूनों (New Farm Law) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmers Protest) पर बेहद तल्ख टिप्पणी कर दी. लेखी ने कहा, 'वे किसान नहीं मवाली हैं. इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं. जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थीं, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया.'


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सरकार बात करने को तैयार


वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, 'हमने किसानों से नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के संदर्भ में बात की है. किसानों को कृषि कानूनों के जिस भी प्रावधान में आपत्ति है वे हमें बताए, सरकार आज भी खुले मन से किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है.' 


 



 


टिकैत ने कहा, मवाली नहीं किसान हैं


वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का ये भी एक तरीका है. जब तक संसद चलेगी हम यहां आते रहेंगे. सरकार चाहेगी तो बातचीत शुरू हो जाएगी. साथ ही मीनाक्षी लेखी के बयान पर उन्होंने कहा, 'मवाली नहीं किसान हैं, किसान के बारे में ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए. किसान देश का अन्नदाता है.' 


 



 


किसानों ने लिखी सभी सांसदों को चिट्ठी


वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने 'किसान संसद' की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'किसानों की बात संसद नहीं सुन रही है इसलिए सभी सांसदों को हमने चिट्ठी दी है कि हमारे वोट से जीते हैं तो ऐसा करें कि हम वोट देते समय याद रखें. ईमानदार हैं तो हमारा सवाल उठाएं. साथ ही उन्होंने कहा, यह प्रदर्शन 13 अगस्त तक लगातार चलेगा. प्रतिदिन 200 किसान सिंघु बॉर्डर से आएंगे और किसानों के मुद्दे पर चर्चा होगी. आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई. इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि 'किसान संसद' की बात मानकर कानून खारिज करे.


 




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