Mehbooba Mufti on Ganderbal Terror Attack: जम्मू कश्मीर के गांदरबल इलाके में रविवार रात हुए आतंकी हमले में 6 प्रवासी मजदूरों समेत 6 लोगों की हत्या के बाद अब राजनीति भी शुरू हो गई है. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने आरोप लगाया है कि प्रशासन- पुलिस के अधिकारी गैर-स्थानीय मज़दूरों पर घाटी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं. महबूबा ने कहा कि अफसर मजदूरों को और आतंकी हमले होने की बात कहकर डरा रहे हैं और उन्हें वापस अपने गांव लौट जाने के लिए कह रहे हैं. वहीं जम्मू कश्मीर पुलिस ने इन सब आरोपों को गलत बताते हुए खारिज किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'जल्दबाजी में न लिया जाए कोई फैसला'


अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट शेयर कर महबूबा ने इस आतंकी हमले परअधिक संतुलित प्रतिक्रिया का आह्वान किया. साथ ही चेतावनी दी कि जल्दबाजी में लिए गए फ़ैसले कश्मीर की सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुँचा सकते हैं. इससे राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र की छवि भी धूमिल हो सकती है. 


अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, मुफ़्ती ने ज़ोर देकर कहा कि गैर-स्थानीय लोगों को निकालने से देश के बाकी हिस्सों में ख़तरनाक संकेत जा सकता है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में हाल ही में हुए शांतिपूर्ण चुनावों के बाद बने हालात पर असर पड़ सकता है. उन्होंने इस कदम से बाकी राज्यों में जवाबी भावनाएं भड़कने के जोखिम की ओर इशारा किया, जहां बड़ी संख्या में कश्मीरी मज़दूर और छात्र रहते हैं. इससे उनकी सुरक्षा को ख़तरा हो सकता है.


'देश के दूसरे हिस्सों में हो सकता है पलटवार'


महबूबा ने कहा, अगर हम इन प्रवासी मज़दूरों को इस तरह से जाने के लिए मजबूर करते हैं, तो घाटी से बाहर रहने वाले कश्मीरियों को भी इसी तरह की दुश्मनी का सामना करना पड़ सकता है. स्थिति को सावधानी से संभालने की जरूरत है,"


उन्होंने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में गैर-स्थानीय मजदूरों के योगदान पर भी जोर दिया. खासकर निर्माण, कृषि और सेवा उद्योगों जैसे क्षेत्रों में. उन्होंने चेतावनी दी कि उनके अचानक चले जाने से श्रमिकों की भारी कमी हो सकती है और महत्वपूर्ण परियोजनाएं रुक सकती हैं. प्रदेश की पूर्व सीएम ने मौजूदा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत अन्य राजनेताओं से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि मजदूरों को अचानक बाहर निकाले जाने के बजाय सुरक्षित घर लौटने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए.


जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोपों को बताया गलत


महबूबा मुफ्ती के इन आरोपों के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बयान जारी कर उन्हें सिरे से गलत बताया. कश्मीर जोन के आईजी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, सोशल मीडिया की रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि स्थानीय प्रशासन ने गैर-स्थानीय श्रमिकों को घाटी छोड़ने के लिए कहा है, जो एकदम असत्य है. जम्मू-कश्मीर पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी व्यक्तियों के लिए बिना किसी डर या धमकी के अपनी आजीविका चलाने के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी झूठी सूचनाओं पर ध्यान न दें.