Mehbooba Mufti: रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर वार्षिक हवन पर कश्मीरी पंडित समुदाय को बधाई देने के लिए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनंतनाग स्थित बिजभीरा में थाजिवारा मंदिर पहुंचीं. महबूबा मुफ्ती ने रक्षा बंधन के दौरान कश्मीरी पंडित समुदाय को उनके वार्षिक हवन के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं देने के लिए यहां प्राचीन थाजिवारा मंदिर का दौरा किया है.


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अमरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना
दरअसल, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव कश्मीर का असली सार है और पंडितों ने अशांति के दौरान नुकसान सहा है. इस नुकसान की भरपाई तभी की जा सकती है जब हर कश्मीरी पंडित अपनी मातृभूमि में लौट आएगा. महबूबा मुफ्ती ने अपनी बेटी इल्तिजा मुफ्ती और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ थाजिवारा अनंतनाग में छोटा अमरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की है.


'शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश'
उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि भाजपा भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नष्ट करने पर तुली हुई है. उन्होंने कहा कि कश्मीर ने हमेशा शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया है, जिसे हमें पूरे भारत में लागू करना चाहिए. मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद कश्मीर लंबे समय से सह-अस्तित्व और साझा विरासत की परंपरा के लिए मनाया जाता रहा है. मुफ्ती की मंदिर यात्रा ने समावेशिता की इस भावना को रेखांकित किया क्योंकि उन्होंने कश्मीरी पंडित समुदाय के रीति-रिवाजों और रीति-रिवाजों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की है. 


'महबूबा मुफ्ती की कोशिशें'
पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि विभिन्न समुदायों के बीच दूरियां कम करने की महबूबा मुफ्ती की कोशिशें नई नहीं हैं. अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए, उन्होंने लगातार कश्मीरी मुसलमानों और पंडितों के बीच एकता और समझ की वकालत की है, खासकर 1990 के दशक के दौरान कश्मीरी पंडितों के बड़े पैमाने पर पलायन के बाद. 


वार्षिक हवन रक्षा बंधन
उन्होंने कहा कि थाजिवारा मंदिर में उनकी उपस्थिति विश्वास और मित्रता के उन बंधनों को सुधारने की उनकी प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है, जो उस कठिन समय के दौरान तनावपूर्ण थे. बता दें कि अनंतनाग में कश्मीरी पंडित समुदाय का वार्षिक हवन रक्षा बंधन के अवसर पर एक पारंपरिक हवन है.