Mehbooba Mufti on pakistan: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत की है. उन्होंने कहा है कि अगर बातचीत नहीं शुरू होती है तो इसका खामियाजा यहां के नागरिकों और यहां काम करने वाले लोगों को भुगतना पड़ेगा.


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एकमात्र रास्ता दोनों देशों के बीच सुलह


गांदरबल में आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने का एकमात्र रास्ता दोनों देशों के बीच सुलह है.


शत्रुता में फंस गए हैं दोनों देश के नागरिक


मीडिया के साथ बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर के नागरिक दोनों देशों के बीच की शत्रुता में फंस गए हैं. यहां के नागरिकों का जीवन और उनकी संपत्ति दोनों उजड़ रही है. ऐसा इसलिए कि दोनों देश आपस में लड़ रहे हैं. जम्मू-कश्मीर को इसका नतीजा भोगना पड़ रहा है वहीं इसके अलावे गरीब गैर-स्थानीय मजदूरों को भी नुकसान हो रहा है.''


पीड़ित परिजन के घर पहुंची थीं महबूबा


डॉ. शाहनवाज डार की हत्या के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उनके परिजनों से मिलने के लिए नैदगाम गांव में स्थित घर पर पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि डार लोगों की सेवा कर रहे थे और एक सम्मानित व्यक्ति थे, लेकिन उन्हें दोनों देशों के बीच दुश्मनी का खामियाजा भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा, ''जब तक दोनों देश एक साथ नहीं बैठेंगे, सौहार्दपूर्ण तरीके से बात नहीं करेंगे और वाजपेयी की तरह सुलह का रास्ता नहीं अपनाएंगे, तब तक जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी लोगों को ऐसी घटनाएं देखने को मिलती रहेंगी.''


कब हुई थी घटना


बता दें कि गांदरबल जिले के गुंड में रविवार को एक शिविर पर आतंकवादियों के हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी जबकि पांच घायल हो गए थे. इस घटना में मारे गए लोगों में छह लोग प्रवासी मजदूर थे जबकि एक स्थानीय नागरिक थे जो पेशे से डॉक्टर थे. जिस वक्त घटना घटी उस समय मजदूर एक सुरंग परियोजना के लिए काम कर रहे थे.


एनसी के बयान पर महबूबा की चुप्पी


डॉ. डार को एपीसीओ इंफ्राटेक की ओर से सुरंग निर्माण स्थल पर तैनात थे. वह बुनियादी ढांचा के निर्माण से जुड़ी इस कंपनी के लिए काम कर रहे थे. महबूबा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की उस हालिया टिप्पणी पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया जिसमें कहा गया था कि जब तक पाकिस्तान हिंसा बंद नहीं करता तब तक उसके साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती. (इनपुट भाषा)