कोवीशील्ड वैक्सीन से हुए गंभीर साइड इफेक्ट, वॉलंटियर ने सीरम से मांगा हर्जाना
वॉलंटियर ने कोवीशील्ड वैक्सीन से गंभीर साइड-इफेक्ट होने का दावा किया है. इतना ही नहीं उसने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) से 5 करोड़ के हर्जाने की भी मांग की है. हालांकि कंपनी ने आरोपों को गलत ठहराया है और नाम खराब करने के लिए उल्टा वॉलंटियर से 100 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना वसूलने की भी धमकी दी.
नई दिल्ली: देशभर में लोग बेसब्री से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन रविवार को आई खबर ने सबको चौंका दिया है. एक वॉलंटियर ने कोवीशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) से गंभीर साइड-इफेक्ट होने का दावा किया है. इतना ही नहीं उसने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) से 5 करोड़ के हर्जाने की भी मांग की है. हालांकि कंपनी ने आरोपों को गलत ठहराया है और नाम खराब करने के लिए उल्टा वॉलंटियर से 100 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना वसूलने की भी धमकी दी.
वॉलंटियर का दावा- वैक्सीन से हुई ये गंभीर समस्या
चेन्नई के रहने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति के मुताबिक, कोवीशील्ड वैक्सीन की वजह से उसे गंभीर साइड इफेक्ट हुए. इस व्यक्ति को 1 अक्टूबर को वैक्सीन लगाई गई थी, जिसके 10 दिन बाद यानी 11 अक्टूबर को सुबह 5:30 बजे सिर में तेज दर्द होने लगा और दोपहर तक हालात नहीं सुधरी. इसके बाद उसकी पत्नी ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. वॉलंटियर के अनुसार, कई दिनों तक व्यक्ति अपने घर परिवार के लोगों को भी नहीं पहचान रहा था. लगातार सिर में दर्द और चिड़चिड़ाहट की शिकायत कर रहा था. अस्पताल में उसके कई टेस्ट हुए. जिसके बाद 26 अक्टूबर को व्यक्ति को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. उसे गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या और ज्ञानेंद्री संबंधी समस्या समेत गंभीर दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ा है.
ट्रायल तुरंत बंद करने की मांग
उसके मुताबिक यह सब वैक्सीन की वजह से हुआ है. इस व्यक्ति का यह भी दावा है कि अब वह कभी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाएगा. उसे कंपनी से हर्जाना चाहिए. साथ ही उसने वैक्सीन का ट्रायल तुरंत बंद करने की मांग भी की है.व्यक्ति का दावा है कि न्यूरोलॉजिकल साइड इफेक्ट के बारे में कंपनी ने कोई जानकारी नहीं दी थी. 16 दिन अस्पताल में रहने के बाद युवक ने सीरम, एस्ट्राजेनका, ऑक्सफोर्ड, आईसीएमआर और ड्रग कंट्रोलर को नोटिस भेज दिया.
वॉलंटियर का दावा गलत, वसूले जा सकते हैं 100 करोड़
मामला बढ़ने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर कहा, ‘नोटिस में लगाये गए आरोप दुर्भावनापूर्ण और गलत हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया उक्त व्यक्ति की चिकित्सा स्थिति के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन टीके के परीक्षण का उसकी स्थिति के साथ कोई संबंध नहीं है.’ कंपनी ने कहा कि वह व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के लिए गलत तरीके से टीके को जिम्मेदार बता रहा है. कंपनी ने कहा कि वह ऐसे आरोपों से अपना बचाव करेगी और गलत आरोप के लिए 100 करोड़ रुपये तक की मानहानि का दावा कर सकती है.