Mewar Royal Family Dispute: ऐसा लग रहा है कि उदयपुर स्थित मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में ‘गद्दी’ का विवाद थम गया है. क्योंकि बुधवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने मेवाड़ सिटी पैलेस के अंदर जाकर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में पवित्र मानी जाने वाली धूणी को नमन किया. खास बात यह रही कि जब विश्वराज सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस में प्रवेश करने लगे, तो उदयपुर में मार्च कर रहे राजपूतों की भीड़ ने उन्हें कंधे पर उठा लिया. 


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लक्ष्यराज को विश्वास में लिया गया?
असल में बताया गया इस समझौते के दौरान, लक्ष्यराज को विश्वास में लिया गया और उनसे यह सुनिश्चित करने का आश्वासन लिया गया कि वे या उनके समर्थक कोई बाधा नहीं उत्पन्न करेंगे. इसका मतलब यह है कि विवाद कुछ जरूर थम गया है. इससे पहले विश्वराज सिंह मेवाड़ ने नाथद्वारा रोड स्थित श्री एकलिंगनाथजी मंदिर में दर्शन किए. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. उन्होंने अपने पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ की मृत्यु के बाद शुरू हुए शोक को भंग करने की पारंपरिक रस्म पूरी की.


सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए..
मंदिर दर्शन के मौके पर भी मंदिर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए ताकि यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हो सके. उधर इस दौरान उदयपुर के सिटी पैलेस और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. यहां भारतीय न्यास संहिता की धारा 163 (पहले सीआरपीसी की धारा 144) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. मामले को सुलझाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भी बुलाया गया था.



सार्वजनिक नोटिस जारी करवाए थे..
इससे पहले विश्वराज के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने उनके मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश पर आपत्ति जताते हुए सार्वजनिक नोटिस जारी करवाए थे. अरविंद सिंह एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं उन्होंने कहा कि 25 नवंबर से केवल ट्रस्ट द्वारा अधिकृत लोगों को ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा. इसी को लेकर पैलेस के प्रवेश द्वार पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई.जब विश्वराज को सिटी पैलेस में प्रवेश नहीं मिला था, तो वहां हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया. 


फिलहाल धूणी की रस्म पूरी..
उधर प्रशासन ने विवादित स्थल ‘धूणी’ के लिए रिसीवर नियुक्त कर दिया था. पहले विश्वराज बिना अनुष्ठान किए वापस लौट गए. परिवार में तनातनी जारी रही, जिसमें विश्वराज और उनके चचेरे भाई लक्ष्यराज सिंह ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए. लक्ष्यराज ने मीडिया से कहा कि अनुष्ठानों के नाम पर लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालना गलत है और अगर किसी को प्रवेश चाहिए, तो उसे अदालत का रुख करना चाहिए. फिलहाल विश्वराज सिंह ने धूणी की रस्म पूरी की है.