Milind Deora Rahul Gandhi: राहुल गांधी जो तीन मुद्दे हर मंच से उठा रहे उन्हीं से ख़फ़ा थे दोस्त मिलिंद देवड़ा
Milind Deora resings from Congress: राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का फोकस जिन चीजों पर है उनमें से कई मुद्दों पर मिलिंद देवड़ा कांग्रेस पार्टी से सहमत नहीं थे. अपने पत्र में उन्होंने इन बातों को खुलकर कहा है.
Milind Deora Joins Eknath Shinde Shiv Sena मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ दी है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दामन थाम लिया है. कांग्रेस से इस्तीफे के ऐलान के बाद उन्होंने एक्स पर बाकायदा विस्तार से पत्र लिखकर लोगों को कांग्रेस छोड़ने की अपनी वजहों के बारे में बताया है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का फोकस जिन चीजों पर है उनमें से कई मुद्दों पर मिलिंद देवड़ा कांग्रेस पार्टी से सहमत नहीं थे. अपने पत्र में उन्होंने इन बातों को खुलकर कहा है.
वो 3 बातें...
उन्होंने कहा, 'अफसोस की बात है कि कांग्रेस की वर्तमान स्थिति अब उस पार्टी से मेल नहीं खाती है जिसमें मेरे पिता मुरलीभाई और मैं क्रमशः 1968 और 2004 में शामिल हुए थे. यह अपनी वैचारिक और संगठनात्मक जड़ों से भटक गई है, इसमें ईमानदारी और रचनात्मक आलोचना की सराहना का अभाव है. वह पार्टी जिसने कभी भारत के आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की थी, अब वही पार्टी व्यावसायिक घरानों को 'राष्ट्र-विरोधी' कहकर निशाना बनाती है. यह भारत की विविध संस्कृति और धर्मों का जश्न मनाने से भटक कर, जाति के आधार पर उत्तर-दक्षिण में विभाजन पैदा कर रही है. न केवल सत्ता हासिल करने में बल्कि केंद्र में रचनात्मक विपक्ष के रूप में प्रभावी ढंग से काम करने में भी असफल हो रही है.'
उद्धव के साथ गठबंधन का किया था विरोध
मिलिंद देवड़ा ने पत्र में कांग्रेस छोड़ने की वजह भी बताई है. उन्होंने कहा, 'मैंने कांग्रेस से अलग होने और श्री एकनाथ शिंदे जी के नेतृत्व में शिवसेना के साथ जुड़ने का फैसला क्यों किया है? 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद, मैंने हमेशा बड़े सुधारों और जवाबदेही की बात की. 2019 के चुनाव में हमारी पार्टी की हार के लिए मैंने मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, भले ही मुझे चुनाव से सिर्फ एक महीने पहले ही इस पद पर नियुक्त किया गया था. मेरा मानना था कि अगर मैं त्याग कर सकता हूं, तो मुझे इसे मांगने का भी अधिकार है. 2019 में महाराष्ट्र में MVA की स्थापना के दौरान मैंने UBT के साथ गठबंधन का विरोध किया था क्योंकि मुझे लगा कि इससे कांग्रेस पर विपरीत असर पड़ेगा. गठबंधन के बाद भी चार साल तक मैंने पार्टी को हमेशा सावधानी बरतने की सलाह दी. दरकिनार किए जाने के बावजूद, गांधी परिवार और पार्टी के साथ मेरे परिवार के स्थायी रिश्ते को बनाये रखने में मेरी प्रतिबद्धता दृढ़ रही. दस सालों तक, मैंने व्यक्तिगत पद या सत्ता की इच्छा किए बिना विभिन्न भूमिकाओं में पार्टी के लिए हर संभव प्रयास किए.'
इससे पहले रविवार सुबह को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि वह 'गेन' की राजनीति में यकीन रखते हैं 'पेन' की राजनीति में नहीं. यहां अंग्रेजी के 'गेन' (GAIN) शब्द का तात्पर्य ग्रोथ, एस्पिरेशन, समावेशिता (इनक्लुसिविटी) और नेशनलिज्म से है. वहीं, 'पेन' (पीएआईएन) का अभिप्राय व्यक्तिगत हमला (पर्सनल अटैक्स), अन्याय (इनजस्टिस) और नकारात्मकता (निगेटिविटी) से है.