दिल्ली: खालिस्तान कमांडो फोर्स का आतंकी गिरफ्तार
इस आतंकी पर आतंकी गतिविधियों, पुलिस अधिकारियों की हत्या, पुलिस के मुखबिरों की हत्या, बैंक व पुलिस स्टेशन में डकैती, लूटपाट सहित अन्य संगीन वारदातों के तहत केस दर्ज हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के इंटर बार्डर गैंगेस्टर इंवेस्टीगेशन स्क्वायड ने खालिस्तान कमांडो फोर्स के एक आतंकी को गिरफ्तार किया है. गुरुसेवक उर्फ बबला नामक इस आतंकी की गिरफ्तारी दिल्ली के अंतरराज्ययीय बस टर्मिनल से की गई है. मूल रूप से लुधियाना के रहने वाले इस आतंकी की तलाश बीते कई वर्षों से दिल्ली सहित मध्य प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब की पुलिस रही थी.
क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस डॉ. अजित कुमार सिंगला के अनुसार, गिरफ्तार हुए आतंकी के खिलाफ 50 से अधिक संगीन मामले दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, और मध्य प्रदेश विभिन्न थानाक्षेत्रों में दर्ज हैं. इस आतंकी पर आतंकी गतिविधियों, पुलिस अधिकारियों की हत्या, पुलिस के मुखबिरों की हत्या, बैंक व पुलिस स्टेशन में डकैती, लूटपाट सहित अन्य संगीन वारदातों के तहत केस दर्ज हैं.
भिंडरवाला का सहयोगी था गिरफ्तार आतंकी
क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस डॉ. अजित कुमार सिंगला के अनुसार, गिरफ्तार आतंकी गुरुसेवक जनरैल सिंह भिंडरवाला का सहयोगी रह गया था. भिंडरवाला 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया था. भिंडरवाला की मौत के बाद सभी गुरुसेवक के सभी साथी आतंकी पाकिस्तान भाग गए थे. जहां परमजीत सिंह पंजवाड ने खालिस्तान कमांडो फोर्स नामक नए आतंकी संगठन का गठन किया.
भारत में केसीएफ की जड़ें मजबूत करने की फिरांक में था आतंकी
डॉ. अजित कुमार सिंगला के अनुसार पाकिस्तान में बैठे आतंकी परमजीत सिंह पंजवाड के इशारे पर गुरुसेवक भारत में इस आतंकी संगठन की जड़ें मजबूत करने में जुटा हुआ था. जांच में यह बात भी सामने आई है कि यह आतंकी लगातार पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकियों के सीधे संपर्क में था. अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए वह भारत की विभिन्न जेलों में बंद आतंकियों से मिल रहा था.
कोर्ट के आदेश पर आतंकी को तलाश रही थी क्राइम ब्रांच
डॉ. अजित कुमार सिंगला ने बताया कि आतंकी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गैर जमानती गिरफ्तारी वारेंट जारी कर दिल्ली पुलिस को उसकी गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे. कोर्ट के निर्देशों का पालत करते हुए डीसीपी भीष्म सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि आतंकी गुरुसेवक अपने कुछ साथियों से मिलने दिल्ली आने वाला है. जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने घेरेबंदी कर इस आतंकी को गिरफ्तार कर लिया.