Milkipur By-Election News: अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की राह अब पूरी तरह साफ हो गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है. कोर्ट के इस फैसले के बाद निर्वाचन आयोग को अब उपचुनाव कराने में कोई बाधा नहीं होगी. पूर्व भाजपा विधायक बाबा गोरखनाथ ने मिल्कीपुर सीट पर 2022 के चुनावों में सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती दी थी. उनका आरोप था कि नामांकन पत्रों में गंभीर विसंगतियां हैं. हालांकि, उन्होंने खुद अपनी याचिका वापस लेने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने सोमवार को मंजूर कर लिया.


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सपा पर पूर्व विधायक का निशाना


पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने याचिका वापसी के बाद सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके झूठ की पोल खुल गई है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा मिल्कीपुर में बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगी और क्षेत्र में जल्द ही विकास कार्य शुरू होंगे.


याचिका वापस क्यों हुई?


अधिवक्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि सभी संबंधित पक्षों को नोटिस दिया गया और उनकी आपत्तियां रिकॉर्ड की गईं. अखबार में पब्लिकेशन भी कराया गया. कोर्ट ने इन सभी बिंदुओं पर सुनवाई के बाद याचिका वापस लेने की मंजूरी दी.


10 सीटों पर हुए उपचुनाव, मिल्कीपुर रह गया था पीछे


उत्तर प्रदेश में हाल ही में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे. इनमें भाजपा ने सात सीटों पर जीत हासिल की, जबकि सपा महज दो सीटें ही जीत सकी. मिल्कीपुर में याचिका लंबित होने के कारण वहां उपचुनाव नहीं हो सका था.


अब चुनाव आयोग की तैयारी तेज


याचिका वापसी के बाद निर्वाचन आयोग मिल्कीपुर उपचुनाव की तारीख जल्द घोषित कर सकता है. क्षेत्र की जनता भी इस चुनाव को लेकर उत्साहित है, क्योंकि लंबे समय से सीट खाली होने के कारण विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे.


सपा और भाजपा की सियासी चुनौती


मिल्कीपुर सीट पर भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है. भाजपा को जहां एनडीए की सात सीटों की जीत से हौसला मिला है, वहीं सपा को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए यह सीट जीतना अहम होगा. क्षेत्र की जनता को उम्मीद है कि चुनाव के बाद उनका प्रतिनिधि चुनकर विकास के कार्यों को गति देगा. लंबे समय से इस सीट पर उपचुनाव की प्रतीक्षा ने लोगों को असमंजस में डाल रखा था, जो अब खत्म होने वाला है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)