Barwani News: मध्य प्रदेश (MP) के बड़वानी जिले की कालबेलिया बस्ती में रहने वाली 13 साल की मनीषा पंवार ने ऐसा काम किया जिसपर उसका पूरा परिवार गर्व महसूस कर रहा है. दरअसल इस छोटी लेकिन बेहद समझदार बालिका ने जिला प्रशासन के बजाय जिला न्यायालय में गुहार लगाई.


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बच्ची ने सुनाई आपबीती


शहर के सपेरा बस्ती की रहने वाली मनीषा ने प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश आनंद कुमार तिवारी से अपने घर की टूटी छत लगाने की गुहार लगा दी. बच्ची ने बताया के उसके मां-बाप बेहद गरीब हैं. इसलिए वो घर की छत नहीं लगवा पा रहे है. इसी वजह से उसे बारिश में दूसरों के घर सोने जाना पड़ता है क्योंकि उसके पिता मजदूरी के लिए बाहर गए हैं.


'छत टूट गई है, हम कैसे रहेंगे'


उसने जज साहब से कहा, 'मेरे घर की छत टूट गई है, मानसून की बारिश का पानी अब घर में आएगा, अब कैसे रहेंगे? इस पर न्यायाधीश ने जो आदेश जारी किया. वो अब वायरल हो गया है.


न्यायाधीश का आदेश


मासूम बच्ची की बात सुनते ही प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश ने जिला प्रशासन को आदेश जारी किया. जज का आदेश मिलते ही फौरन नगर पालिका बच्ची के घर का मुआयना करने के बाद तत्काल ही उसके घर पर टीन शेड की छत लगवा दी. 


कोर्ट में कैसे पहुंची मनीषा?


जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं जिला न्यायाधीश अमित कुमार सिसौदिया ने बताया कि शनिवार को चाइल्ड लाइन व समाजसेवियों की मदद से मासूम बच्ची न्यायालय में प्रधान जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आनंद कुमार तिवारी के पास पहुंची. जिन्होंने उसकी समस्या सुनकर फौरन एक आदेश जारी करते हुए अधिकारियों को उसके घर भेज दिया.


इस तरह मनीषा ने न सिर्फ पूरे मोहल्ले का नाम रोशन करते हुए शहर के अधिकारियों को अपनी कॉलोनी की समस्याओं से रूबरू कराया. इस तरह मनीषा की कामयाबी और हिम्मत के चर्चे बड़वानी की गलियों से होते हुए पूरे प्रदेश तक हो रहे हैं.


बदलेगी बस्ती की सूरत


जिला न्यायाधीश अमित कुमार सिसौदिया ने कहा कि मनीषा की गुहार के बाद अब बस्ती में रहने वाले सपेरों की भी दशा सुधर रही है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा यहां पर शिविर लगाया गया तो लोगों ने समस्याओं से जुड़े 90 आवेदन दे दिए. अब इन पर भी सुनवाई हो रही है. इनमें राशनकार्ड, समग्र आइडी, पीएम आवास सहित अन्य मूलभूत समस्याओं से जुड़े आवेदन हैं.


प्रधान जिला न्यायाधीश ने जिला न्यायालय के कर्मचारियों को इसकी मानीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी है. उनकी टीम एक हफ्ते बाद वहां हुए कामों की समीक्षा करेगी. समस्याओं का समाधान नहीं होने पर जिला प्रशासन को तलब किया जाएगा.


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