नई दिल्‍ली : एनडीएमसी ऑफ़िसर एमएम खान हत्या मामले में आरोप लगाए जाने के बाद बीजेपी सांसद महेश गिरी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच जंग छिड़ गई है। महेश गिरी मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के बाहर रविवार से अनशन पर बैठ गए हैं। सोमवार को उनके अनशन का दूसरा दिन है।


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महेश गिरी ने कहा है कि जब तक केजरीवाल उनसे बहस करने के लिए नहीं आते, वो धरने पर बैठे रहेंगे। महेश गिरि ने यह भी कहा कि यदि केजरीवाल आरोप साबित कर दें तो मैं राजनीति से इस्‍तीफा दे दूंगा। नहीं तो केजरीवाल माफी मांगें या कुर्सी छोड़ें। बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि मैं भी जिद्दी हूं , ऐसे ही नहीं छोड़ने वाला।


महेश गिरि ने कहा कि भूख हड़ताल जारी रहेगा। एनडीएमसी अधिकारी एमएम खान के मर्डर मामले में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री ने मेरे ऊपर आधारहीन आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने कहा कि जब तक वे (केजरीवाल) बाहर नहीं आते और मुझे न्‍याय नहीं मिल जाता, मैं यहां से नहीं हटूंगा।


महेश गिरी के धरने में उनका साथ देने आज बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी पहुंचे। उन्होंने आप सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल के मंत्री चोर हैं। दिल्ली सरकार को बर्खास्त किया जाए।


गौर हो कि पूर्वी दिल्ली से भाजपा के सांसद महेश गिरि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर रविवार को भूख हड़ताल पर बैठे और मांग की कि एनडीएमसी अधिकारी एमएम खान की हत्या के सिलसिले में वह अपने आरोपों को साबित करें। केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग को लिखे पत्र में उन पर आरोप लगाया कि खान हत्या मामले में वह गिरि और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद् (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर को ‘बचाने’ का प्रयास कर रहे हैं।


गिरि ने केजरीवाल से कहा था कि अपने आरोपों को लेकर वह सार्वजनिक रूप से बहस करें। केजरीवाल को 16 जून को लिखे पत्र में गिरि ने उन्हें कंस्टीट्यूशन क्लब में एमएम खान हत्या मामले में अपने खिलाफ ‘सबूत’ पेश करने के लिए रविवार शाम चार बजे आमंत्रित किया था। केजरीवाल ने चुनौती को स्वीकार नहीं किया जिसके बाद गिरि अपनी पार्टी के समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और भूख हड़ताल पर बैठ गए। भाजपा सांसद ने केजरीवाल से कहा है कि या तो वह उनके खिलाफ आरोप को साबित करें या मुख्यमंत्री के पद से ‘इस्तीफा’ दें। गिरि ने कहा कि अगर वह सबूत दे देते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा अन्यथा उन्हें छोड़ देना चाहिए। एनडीएमसी में संपदा अधिकारी खान की 16 मई को जामिया नगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक दिन बाद वह एक होटल के लीज की शर्तों पर आदेश देने वाले थे।