DNA Analysis: मोदी सरकार के 8 साल में कितने बदलाव? भारत को विश्वगुरु बनाने वाली `मोदी नीति`!
DNA Analysis: अकल्पनीय दिखने वाले मुद्दों में एक मुद्दा यूनिफॉर्म सिविल कोड का भी भी है, जिस पर सरकार ने कहा है कि वो इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार विचार किया जा रहा है. यानी हो सकता है कि भविष्य में मोदी सरकार एक देश, एक कानून की व्यवस्था भी ले आए.
DNA Analysis: अब हम आपको ये बताएंगे कि मोदी सरकार ने सत्ता में अपने आठ साल पूरे कर लिए है. इन आठ वर्षों में कई बड़े बदलाव आए हैं. अनुच्छेद 370 और राम मन्दिर जैसे मुद्दों को हमारे देश में अकल्पनीय माना जाता था. लोगों को ऐसा लगता था कि ये मुद्दे सिर्फ चुनावों के घोषणा-पत्र के लिए बने हैं. लेकिन मोदी सरकार ने इन्हें लागू करके लोगों की धारणा बदल दी और आज हम आपको मोदी सरकार के उन आठ बड़े फैसलों के बारे में बताएंगे, जो इन आठ वर्षों में लिए गए हैं.
मोदी सरकार के साहसिक फैसले
पिछले आठ वर्षों में ऐसे कई मुद्दों पर फैसले लिए गए, जो इससे पहले तक अकल्पनीय लगते थे. इनमें सबसे बड़ा मुद्दा था जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना. 5 अगस्त 2019 से पहले इस बात की कल्पना भी नहीं की जाती थी कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया जा सकता है. हमारे देश के लोगों को ऐसा लगता था कि ये मुद्दा सिर्फ चुनावों के घोषणा पत्र के लिए बना है और इस पर कभी भी सरकार फैसले लेने का साहस नहीं दिखाएगी. लेकिन मोदी सरकार ने अकल्पनीय दिखने वाले इस फैसले को ना सिर्फ लागू किया बल्कि जम्मू कश्मीर में अब इसकी वजह से काफी बदलाव आ रहा है. पिछले हफ्ते ही हमने आपको बताया था कि कैसे, अब देशभर के लोग छुट्टियां मनाने के लिए कश्मीर जा रहे हैं और वहां के होटलों में पैर रखने की भी जगह नहीं बची है.
दूसरा मुद्दा था राम मन्दिर का, भारत के लोगों को राम मन्दिर के लिए 500 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा और ये एक ऐसा विषय था, जिसके बारे में लोग ये सोचने लगे थे कि सिर्फ चुनावों के लिए राम मन्दिर की बात होती है. लेकिन हकीकत में राम मन्दिर का सपना कभी पूरा नहीं होगा. लेकिन इसी सरकार में 500 वर्षों पुराने इस विवाद का भी निपटारा हुआ और आज अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण शानदार तरीके से किया जा रहा है.
महिलाओं के लिए बड़े फैसले
तीसरा मुद्दा था तीन तलाक का, आजादी के बाद से ही हमारे देश में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हो गई थी. जिसकी वजह से कभी भी तीन तलाक जैसे मुद्दों पर बात नहीं हुई. 1986 के शाहबानो केस में जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गलत माना, तब भी तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अदालत के फैसले को पलट दिया था और भारत की मुस्लिम महिलाओं को लगने लगा था कि उन्हें तीन तलाक से कभी आजादी नहीं मिलेगी. लेकिन केन्द्र सरकार ने 2019 में इसके खिलाफ कानून बनाया और आज भारत की आठ करोड़ मुस्लिम महिलाओं के पास ये अधिकार है कि वो तीन तलाक के मामलों को देश की अदालतों में चुनौती दे सकती हैं. इस कानून के बनने से देश में तीन तलाक के मामले 80 प्रतिशत तक कम हुए हैं.
अकल्पनीय दिखने वाले मुद्दों में एक मुद्दा यूनिफॉर्म सिविल कोड का भी भी है, जिस पर सरकार ने कहा है कि वो इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार विचार किया जा रहा है. यानी हो सकता है कि भविष्य में मोदी सरकार एक देश, एक कानून की व्यवस्था भी ले आए.
आर्थिक मोर्चे पर किया कमाल
इन आठ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने कई साहसिक फैसले भी लिए, जिन्हें लागू करने में पिछली सरकारें असमर्थ रही थीं. इनमें GST को लागू करना सरकार का सबसे बोल्ड स्टेप था. क्योंकि भारत में वर्ष 2000 के बाद से एक देश, एक टैक्स की मांग की जा रही थी और UPA सरकार ने वर्ष 2010 तक इसे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा था. लेकिन वो वर्ष 2014 तक भी इसे लागू नहीं कर सकी. इसके बाद मोदी सरकार ने इसकी समीक्षा की और एक जुलाई 2017 से इस देश में लागू कर दिया. GST के लागू होने से कई तरह के टैक्स खत्म हो गए और एक टैक्स की व्यवस्था हो गई. अप्रैल महीने में 1 लाख 68 हजार करोड़ रुपये का रिकॉर्ड GST कलेक्शन हुआ था.
2016 में लिया गया नोटबंदी का फैसला भी बहुत साहसिक था. इस फैसले की वजह से टेरर फंडिंग को रोकने में मदद मिली और देश में जमा काला धन भी बाहर निकल कर आया. नोटबंदी के फैसले ने लोगों को ये भी बताया कि अब देश में एक ऐसी सरकार है, जो लोगों की भलाई के लिए कड़े फैसले लेना जानती है.
आतंकवाद पर कसी नकेल
पाकिस्तान में आतंकवादियों के कैंप पर सर्जिकल स्ट्राइक करना भी सरकार के साहसिक फैसलों में से एक था. इस फैसले से दुनिया और खासतौर पर पाकिस्तान को ये पता चला कि अब भारत घर के अन्दर घुसकर भी जवाब दे सकता है.
पिछले 8 वर्षों में सरकार ने Good Governance की दिशा में जो सबसे बड़ा कदम उठाया, वो था देश में हर व्यक्ति का Data Digitize करना. प्रधानमंत्री मोदी इस बात को अच्छी तरह जानते थे कि अगर सरकार के पास देश के नागरिकों का सही डेटा नहीं हुआ तो वो उन तक नहीं पहुंच पाएगी. इसीलिए पहले देश के उन लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया, जिनके पास बैंक खाते नहीं थे. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत पिछले आठ साल में देश में 44 करोड़ 23 लाख नए बैंक खाते खोले गए, जिनमें आज डेढ़ लाख करोड़ रुपये जमा हैं. इन बैंकों खातों को केन्द्र सरकार ने लोगों के मोबाइल फोन से लिंक किया और आज उसके पास देश के हर नागरिक का डेटा मौजूद है. इसकी मदद से सरकार आपके बैंक खातों में सीधे पैसा ट्रांसफर कर सकती है. कुछ उदाहरणों से आपको बताते हैं.
गरीब-किसानों का रखा पूरा ख्याल
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत केन्द्र सरकार अब तक देश के 11 करोड़ 70 लाख किसानों के बैंक खातों में एक लाख 82 हजार करोड़ रुपये जमा कर चुकी है. इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देशभर में 58 लाख 82 हजार घर बनाए गए हैं.
कोविड के बाद जब देश में लॉकडाउन लगा, तब से भारत सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने पांच किलो मुफ्त अनाज बांट रही है और ये एक बहुत बड़ी बात है. क्योंकि भारत सरकार अमेरिका जैसे देश की लगभग तीन गुना आबादी को पिछले दो साल से मुफ्त में अनाज दे रही है. ये इसलिए मुमकिन हो पाया, क्योंकि सरकार ने देश में हर व्यक्ति के डेटा को Digitize कर दिया और इसकी वजह से देश में शौचालय भी बन पाए और मुफ्त LED Bulbs बांटने की योजनाएं भी लागू हो पाईं.
मोदी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में देश की महिलाओं के लिए भी क्रान्तिकारी फैसले लिए हैं. कच्चे चूल्हे पर जो महिलाएं धुएं के बीच खाना पकाती थीं, उन्हें उज्जवला योजना के तहत मुफ्त सिलिंडर दिए गए. इस योजना के तहत अब तक 9 करोड़ 17 लाख मुफ्त LPG कनेक्शन बांटे जा चुके हैं. तीन तलाक के खिलाफ सरकार कानून लाई है. वर्ष 2018 में देश में पहली बार मुस्लिम महिलाओं को परिवार के किसी पुरुष के बिना भी हज यात्रा पर जाने की अनुमति दी गई.
वर्ष 2019 में पहली बार National Defence Academy यानी NDA में महिलाओं के प्रवेश का फैसला किया गया. वर्ष 2019 में भारतीय सेना में महिलाओं के लिए Permanent Commission की स्थापना की गई. वर्ष 2016 से नौकरीपेशा महिलाओं के लिए Maternity Leave 12 हफ्तों से 26 हफ्ते कर दी गई थी. इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान भी इसमें शामिल है.
भारत को बनाया आत्मनिर्भर
इन 8 वर्षों में मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत और Make in India जैसे बड़े अभियान शुरू किए, जिन्होंने भारत को एक मजबूत देश के रूप में स्थापित किया. आज दुनियाभर में जितने भी देश आर्थिक और दूसरे संकट से संघर्ष कर रहे हैं, उन देशों की सबसे बड़ी समस्या यही है कि वो आत्मनिर्भर नहीं बन पाए. श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों ने चीन पर खुद को निर्भर बना लिया, जिससे उनकी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई. इसी तरह रूस के खिलाफ युद्ध लड़ा रहा यूक्रेन भी हथियारों के लिए आज अमेरिका और पश्चिमी देशों पर निर्भर है. लेकिन भारत की स्थिति इन देशों से कहीं बेहतर है.
आज हम हथियारों से लेकर Technology के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है और International Monetary Fund का अनुमान है कि इस साल भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी. भारत के आत्मनिर्भरता अभियान की सफलता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि आज हमारे देश में कोविड की एक नहीं दो-दो वैक्सीन बनाई जा रही हैं. भारत में अब तक वैक्सीन की 193 करोड़ डोज लग चुकी हैं. इसके अलावा भारत दुनिया के 100 देशों को वैक्सीन की 22 करोड़ 91 लाख डोज भेज चुका है.
रक्षा क्षेत्र में आई मजबूती
इसके अलावा रक्षा के क्षेत्र में भी भारत आत्मनिर्भर बना है. अब भारत में भी खतरनाक और आधुनिक हथियार विकसित किए जा रहे हैं और हथियारों के निर्यात के मामले में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. वर्ष 2015-2016 में भारत ने 2 हजार करोड़ रुपये के हथियार दूसरे देशों को बेचे थे. लेकिन 2020-2021 में ये आंकड़ा 2 हजार करोड़ रुपये से बढ़ कर लगभग 6 हजार 300 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में 228 प्रतिशत की वृद्धि देखी है, जो अभूतपूर्व है. दुनिया के 20 से ज्यादा देश, भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल, अर्जुन MK-1A टैंक, तेजस Aircraft और रॉकेट सिस्टम, जिसे पिनाका कहते हैं, उसे खरीदने के इच्छुक हैं. इस समय भारत दुनिया के 42 से ज्यादा देशों को हथियार और दूसरे रक्षा उपकरण की आपूर्ति कर रहा है. जैसे, ऑस्ट्रेलिया को हमारा देश MK-N सीरीज के आधुनिक कारतूस सप्लाई कर रहा है.
Azerbaijan को Hard Armour Plates, जर्मनी को Bomb Suppression Blanket और युद्ध में इस्तेमाल होने वाले Helmets, इजरायल को Mortar Shell और South Africa को खतरनाक Detonators बेच रहा है. इसके अलावा म्यांमार, श्रीलंका और Mauritius को भारत आधुनिक हथियार बेच रहा है.
भ्रष्टाचार का एक भी मामला नहीं
इन 8 वर्षों में भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है. जबकि पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार एक बहुत गम्भीर समस्या थी. पहले जब हमारा देश हथियार खरीदता था तो बोफोर्स जैसे घोटाले सामने आ जाते थे. देश में Common-Wealth Games का आयोजन होता था तो इसमें भी भ्रष्टाचार होता था. कोयले की खदानों की नीलामी होती थी तो कोयला घोटाला हो जाता था और Telecome के Spectrum बांटे जाते थे तो 2-G जैसे घोटालों के बारे में देश को पता चलता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. पिछले आठ वर्षों में केन्द्र सरकार ने 270 से ज्यादा छोटी बड़ी योजनाएं लागू की, Make in India और आत्मनिर्भर भारत जैसे बड़े अभियान चलाए, दूसरे देश से हथियारों की भी खरीद की लेकिन इस दौरान भ्रष्टाचार का एक मामला सामने नहीं आया. इस बात का जिक्र खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी किया. 28 मई को हुए एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि, पिछले आठ साल में ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिसकी वजह से देश के नागरिकों को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़े.
2014 के बाद देश को एक मजबूत प्रधानमंत्री मिले, जिसकी वजह से आज भारत विश्वगुरु बनने की कगार पर है. ये भारत की विदेश नीति की ही ताकत है कि आज अमेरिका भी भारत के साथ मजबूत रिश्ते चाहता है और रूस भी भारत का पक्का दोस्त है. यूक्रेन युद्ध के बाद से कई देशों के प्रतिनिधि भारत दौरे पर आए हैं और भारत ने इन देशों के साथ भी बातचीत जारी रखी है और रूस के साथ भी सम्पर्क बना कर रखा है.
बाकी देशों से कहीं आगे भारत
इसके अलावा जब अमेरिका जैसे देश शांति के नाम पर हथियार बेच रहे हैं. चीन छोटे और गरीब देशों को कर्ज बेच रहा है. रूस दुनिया को युद्ध दे रहा है और यूरोप के देश लोकतंत्र और मानवता पर लेक्चर दे रहे हैं. तब ऐसे समय में भारत पूरी दुनिया को अनाज दे रहा है. दवाइयां दे रहा है और कोविड की वैक्सीन दे रहा है. इन देशों के बीच भारत एक चमकते हुए सितारे की तरह दिखता है.
पिछले साल जब अफगानिस्तान पर तालिबान के आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया था, तब भी भारत ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दूसरे देश के नागरिकों की मदद की थी. उस समय भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन देवशक्ति के तहत 221 विदेशी नागरिकों को वहां से रेस्क्यू किया था. इसके अलावा यूक्रेन में भी जब युद्ध शुरू हुआ था और अमेरिका और चीन जैसे देशों ने वहां फंसे अपने नागरिकों को ये कह दिया था कि वो मौजूदा हालात में उनकी ज्यादा मदद नहीं कर पाएंगे. तब ऑपरेशन गंगा के तहत भारत सरकार ने अपने 22 हजार 500 नागरिकों को तो वहां से सुरक्षित निकाला ही, साथ ही 18 देशों के 147 नागरिकों को भी रेस्क्यू करके उनकी जान बचाई.
कांग्रेस मुक्त भारत की मुहिम
2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे, तब बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था और आज आठ वर्षों के बाद आप देखेंगे तो देश लगभग कांग्रेस मुक्त हो चुका है. 2014 से पहले देश के 13 राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थीं. लेकिन अब केवल दो ही राज्यों में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है. जबकि महाराष्ट्र, झारखंड में कांग्रेस गठबन्धन सरकार का हिस्सा है. यानी बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त भारत की जो बात कही थी, वो सच हो रही है.
दूसरा, इन 8 वर्षों में बीजेपी ने परिवारवाद से मुक्ति दिलाई. आप कह सकते हैं कि आज बीजेपी अकेली ऐसी पार्टी है, जिसमें अध्यक्ष के बेटे को अध्यक्ष बनाने की परम्परा नहीं है और जहां परिवारवाद के हिसाब से राजनीति तय नहीं होती.
इस सरकार में जो तीसरा बड़ा बदलाव हुआ है, वो ये कि मोदी सरकार ने गठबन्धन की राजनीति से भी मुक्ति दिलाई है. वर्ष 1989 से 2014 तक देश में गठबन्धन की राजनीति का दौर था और इस दौरान सरकारों में मंत्रालय गठबन्धन के तहत अलग अलग पार्टियों के नेताओं को दिए जाते थे. इससे होता ये था कि हर मंत्रालय उस पार्टी का पावर सेंटर बन जाता था और मंत्रालय से जो पैसे और पावर की सप्लाई लाइन निकलती थी, वो सीधे उस पार्टी के राजकोष तक जाती थी. इससे गठबन्धन सरकारों में देश से ज्यादा विकास इन पार्टियों और उनके नेताओं का होता था. लेकिन अब ये व्यवस्था भी समाप्त हो गई है.
मजबूत और ईमानदार प्रधानमंत्री
कुल मिला कर कहें तो आज हमारे देश के पास एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. जिनकी बहुत ईमानदार छवि है, जो परिश्रमी हैं, सातों दिन 24 घंटे काम करते हैं. जैसे एक घर का बुज़ुर्ग रहता है, वैसे वो सबको साथ लेकर चलते हैं.
आपको याद होगा चंद्रयान-2 मिशन के असफल होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ISRO के चीफ के. सिवान को गले लगा कर उनकी हिम्मत बढ़ाई थी. इसके अलावा वो पिछले दिनों एक कार्यक्रम में एक लड़की से बात करते हुए भावुक हो गए थे क्योंकि इस लड़की के पिता देख नहीं सकते हैं. इस वजह से उनकी बेटी डॉक्टर बनना चाहती है. आज UPSC के नतीजों का भी ऐलान हुआ और इस दौरान जो उम्मीदवार परीक्षा में पास नहीं हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने उनका भी हौसला बढ़ाया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'जो लोग सफल नहीं हो पाए हैं, वो उनकी निराशा पूरी तरह से समझते हैं लेकिन वो ये भी जानते हैं कि ये सारे उम्मीदवार प्रतिभाशाली युवा हैं और वो जिस भी क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे, भारत को उन पर गर्व होगा.'