नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गरीबों के हक में एक बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) की मियाद अब बढ़ाकर मार्च 2022 तक कर दी गई है. इस योजना की समयसीमा दिसंबर में ही खत्म हो रही थी जिसके तहत करीब 80 करोड़ लोगों को राशन दिया जाता है.


फ्री राशन से जुड़ी है योजना


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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट (Union Cabinet) बैठक के बाद सरकार की ओर से लिए गए फैसलों (Cabinet Decisions) की जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में तय हुआ है कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन देने की योजना मार्च 2022 तक के लिए आगे बढ़ा दी जाए. इसके अलावा उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव पर मुहर लगने की जानकारी भी दी.


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इस योजना के तहत हर परिवार को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है. अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव को देखते हुए सरकार का यह कदम काफी प्रभावी साबित हो सकता है. हालांकि सरकार की ओर से पहले कहा गया था कि इस योजना को आगे बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है और फिर इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने काफी बवाल मचाया था. अब बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में योजना को आगे बढ़ाने का फैसला हुआ है.


गरीब कल्याण योजना क्या है?


देश के 80 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो पसंदीदा दाल मुफ्त दी जा रही है. योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से सभी राशन कार्ड धारकों को मौजूदा राशन के मुकाबले 2 गुना राशन दिया जा रहा है. परिवार में प्रोटीन की मात्रा की सुनिश्चित करने के लिए 1 किलो दाल भी हर महीने दी जा रही है. PMGKAY का लाभ उन लोगों को भी दिया जा रहा है जिनके पास राशन कार्ड (Ration Card) नहीं हैं, हालांकि इस योजना का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड होना अनिवार्य है.


इस योजना के लाभार्थियों को अगर मुफ्त अनाज मिलने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है या फिर उन्हें इसे देने वाले आनाकानी कर रहे हैं तो इसके लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर (1800-180-2087, 1800-212-5512 और 1967) भी शुरू किए हैं जिस पर शिकायत की जा सकती है.


कृषि कानूनों की वापसी प्राथमिकता


अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सत्र की शुरुआत में ही इन तीनों कानूनों की वापसी से जुड़ा विधेयक संसद में लाया जाए और उसे पारित कराया जाए. उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों की वापसी से जुड़े विधेयक को पारित कराना सरकार की प्राथमिकता है.