नरेंद्र मोदी `मैं, मैं और सिर्फ मैं` सिंड्रोम के शिकार हैं: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेशी सरजमीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमले किए जाने को आज उनके ‘मैं, मैं और सिर्फ मैं’ सिंड्रोम का हिस्सा करार दिया।
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेशी सरजमीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमले किए जाने को आज उनके ‘मैं, मैं और सिर्फ मैं’ सिंड्रोम का हिस्सा करार दिया।
पूर्व विदेश राज्य मंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि विदेश यात्रा के दौरान मोदी द्वारा विपक्ष की आलोचना करना अथवा यह कहना गलत है कि उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले तक लोग भारतीय के रूप में पैदा होने को लेकर शर्मिंदगी महसूस करते थे।
उन्होंने कहा, यह ऐसा कुछ है जो मेरी दृष्टि से उचित नहीं है । विदेश जाना और अपने विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाना अथवा यह कहना है कि मेरे प्रधानमंत्री बनने से पहले तक लोग भारतीय होने में शर्म महसूस करते थे, मेरा मानना कि यह गलत है। यह पूरी बात एक तरह से ‘मैं, मैं और सिर्फ मैं, की सोच का हिस्सा है।
अब्दुल्ला ने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, इसका आशय है कि वह खुद एक साल पहले तक भारतीय होने पर शर्मिंदा थे। जिसका मतलब यह है कि वह मुख्यमंत्री के रूप में अमेरिका जाने का वीजा नहीं पा सके लेकिन जहां कहीं वह गए तो वह अपना पासपोर्ट दिखाने को लेकर शर्मिंदा थे। उन्होंने कहा, और शायद उन्होंने हर आव्रजन अधिकारी से यह कहते हुए माफी मांगी कि ‘देखिए मैं माफी चाहता हूं कि यह भारतीय पासपोर्ट है, मैं क्या करूं मुझे बड़ी शर्म आ रही है, लेकिन मुझे इसे दिखाना पड़ेगा। जो वह कह रह हैं, उसका यही आशय है। जो कि गलत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन और दक्षिण कोरिया की अपनी हालिया यात्रा के दौरान कहा था कि उनकी सरकार बनने से पहले तक भारतीय इस देश में पैदा होने को लेकर शर्मिंदगी महसूस करते थे। उनके इस बयान की विपक्षी दलों ने खासी आलोचना की थी। मोदी की टिप्पणी की सोशल मीडिया में भी बहुत आलोचना हुई थी।
अब्दुल्ला ने कहा, मोदी भाजपा के नेता के रूप में विदेश यात्रा नहीं करते हैं। वह 125 करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधि के रूप में विदेश जा रहे हैं जैसा कि वह खुद कहते हैं। उन्होंने कहा, मोदी को प्रचार पीछे छोड़कर सिर्फ प्रधानमंत्री के रूप में ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। बहरहाल, अब्दुल्ला ने शपथ ग्रहण समारोह में दक्षेस नेताओं को आमंत्रित करने और विदेशी मंचों पर उनके संवाद को लेकर मोदी की सराहना की।