Communal Harmony: धार्मिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है ये मुस्लिम शख्स, मंदिर में रोजाना करते हैं सेवा
Delhi Communal Harmony: दिल्ली में पिछले 2 सालों में हुए दंगो (Delhi Violence) और हाल ही में हुई जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri Violence) के बाद दो धर्मो के लोगों के बीच नफरत की आग बढ़ी है. वहीं, दिल्ली के ही एक हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) में सालों से सेवा कर धार्मिक सौहार्द और भाईचारे की एक नई मिसाल पेश करते नजर आ रहे हैं यूसुफ.
Mohd Yusuf Communal Harmony: पिछले 2 सालों के दौरान दिल्ली में दंगे (Delhi Violence) देखने को मिले हैं. देश में बढ़ रहे हिंदू-मुसलमान की खाई के बीच कई लोग हैं, जो दशकों से दोनों धर्मो के बीच बढ़ रही नफरत को कम करने और इंसानियत को जिंदा रखने में विश्वास रखते हैं. आज ऐसे ही दिल्ली के एक शख्स यूसुफ के बारे में बात करेंगे.
भाईचारे की पेश कर रहे हैं मिसाल
देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ महीनों में धार्मिक हिंसा के मामले बढ़ गए हैं तो राजधानी दिल्ली भी दशकों से धार्मिक उन्माद की गवाह रही है. पिछले 2 सालों की ही बात करें तो पिछले साल राजधानी में हुए CAA के खिलाफ हुए दंगो में कई लोग घायल हुए तो अब हाल ही के जहांगीरपुरी मामले के बाद भी दो धर्मो के लोगों में नफरत बढ़ी है. ऐसे में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में बने हनुमान मंदिर में सालों से सेवा कर धार्मिक सौहार्द और भाईचारे मिसाल पेश करते नजर आ रहे हैं 39 साल के मोहम्मद यूसुफ.
मंदिर में 7 सालों से कर रहे हैं सेवा
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पिछले करीब 7 सालों से हनुमान मंदिर में सेवादारी और देखरेख का काम कर रहे यूसुफ. यूसुफ रोज सुबह उठकर मंदिर का ताला खोलने से लेकर यहां साफ-सफाई का काम करते हैं तो वहीं हर मंगलवार को यहां सभी के साथ पूजा पाठ में भी शामिल होते हैं.
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मंदिर को यूसुफ ने ही बनाया
पेशे से ठेकेदार यूसुफ मूलरूप से बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले हैं और दिल्ली में इन्हें ठेकेदारी का करते हुए हुए करीब 26 साल से ज्यादा हो गए हैं. युसुफ पहले PWD में काम करते थे लेकिन अब पिछले कई सालों से कोर्ट में ही कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं. यूसुफ बताते हैं कि दूसरे धर्म के होने के बावजूद उन्हें इस मंदिर में काम करने में अच्छा लगता है क्योंकि इस मंदिर को इन्होंने ही बनाया है.
वकील भी करते हैं तारीफ
तीस हजारी कोर्ट में ही सालों से प्रेक्टिस कर रहे कई वकीलों ने भी हमे बताया कि युसुफ आज से नहीं, बल्कि सालों से मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं. मुस्लिम समुदाय से होने के चलते बीच में कई लोगों ने इस पर आपत्ति भी जताई कि मुस्लिम होकर इन्हें यहां कैसे काम करने दिया जा रहा है तो यहां के वकीलों ने यूसुफ का हमेशा साथ दिया.
सभी धर्मों का करते हैं सम्मान
सेवादार यूसुफ इस क्षेत्र में सालों से काम करते आ रहे हैं और इस मंदिर को देखरेख भी सालों से करते आ रहे हैं. ऐसे में ये यूसुफ को अगर मंदिर में काम करना अच्छा लगता है तो वाकई में ये यूसुफ का दूसरे धर्म के प्रति भी उतना ही सम्मान बताता है जितना वे अपने धर्म का करते हैं.
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