Hungry people in India: इसे कुछ लोग भारत के खिलाफ साजिश बताएंगे. तो कुछ लोग इसे मोदी सरकार की खामी बताएंगे. ये खबर जुड़ी हुई है Global Hunger Index यानी विश्वभर के देशों में भूख का सूचकांक. हर साल इसको लेकर एक लिस्ट जारी होती है. जिसमें 127 देशों में से अलग-अलग देशों को रैकिंग दी जाती है. माना जाता है रैंकिंग जितनी ज्यादा, उस देश में भुखमरी की हालत उतनी ही खराब. इस लिस्ट को Concern Worldwide और World Hunger Help नाम के यूरोपियन NGO तैयार करते हैं.


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अब सबसे अहम बात. यूरोपियन देशों की ये संस्था, मानती है कि भुखमरी के मामले में भारत के लोग बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम और नेपाल जैसे देशों से भी पीछे हैं. अब इसे भारत के खिलाफ साजिश ना कहा जाए, तो और क्या कहें.


भारत को 105वें नंबर पर रखा गया


- Global Hunger Index की 127 देशों की लिस्ट में भारत को 105वें नंबर पर रखा गया है
- इस लिस्ट में हाल ही में तख्तापलट झेलने वाले बांग्लादेश का नंबर है 84....
- इस तरह से भारत से मदद के रूप में राशन पाने वाले श्रीलंका का हंगर इंडेक्स रैंकिंग है 56...
- भारत के मुकाबले कमजोर आर्थव्यवस्था वाला देश नेपाल की रैंकिंग है 68
- वहीं पाकिस्तान जो भारत के मुकाबले कहीं नहीं टिकता, उसकी रैंकिंग है 102, यानी हमसे बहुत पीछे नहीं है.
- वहीं म्यांमार, जहां सैन्य शासन चल रहा है उसकी रैंकिंग है 74...


अब आप देखिए कि जिन देशों में कोलाहल मचा हुआ है, उन देशों में भुखमरी की दर, भारत के मुकाबले कम रखी गई है. सवाल ये है कि ये कैसे हो सकता है? तो जवाब ये है कि ऐसा नहीं हो सकता. ये तभी हो सकता है, जब Global Hunger Index बनाने वाले लोगों को भारत विरोध के पैसे मिलते हों.


- भारत को GLOBAL HUNGER INDEX में स्कोर दिया गया है 27.3... यानी यूरोपियन्स का मानना है कि भारत भुखमरी की हालत गंभीर स्थिति में है.
- GHI स्कोरिंग के मापदंड के 4 पॉइंट बनाए जाते हैं.
पहला है कुपोषण, दूसरा है बाल मृत्यु दर, तीसरा है बच्चों की सेहत और चौथा है बच्चों की लंबाई. इस आधार पर 0 से 100 तक नंबर दिए जाते हैं.
- भारत को सबसे ज्यादा नंबर बच्चों की लंबाई कम होने की वजह से दिया गया है.


यूरोपियन्स को लगता है कि भारत में लोगों की लंबाई कम है तो वो भुखमरी के शिकार हैं.
अब ये सुनकर हंसी नहीं आएगी, तो और क्या होगा. देखा जाए तो इस हिसाब से चीन और जापान का हंगर इडेक्स रैंकिंग तो भारत से नीचे होनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं है. इसीलिए इसे भारत के खिलाफ साजिश की तरह देखा जा रहा है. हमने हंगर इंडेक्स की यूरोपियन साजिश को लेकर आम भारतीयों से बात की.