नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी और कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) को गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे ट्रांजिट रिमांड में यूपी पुलिस को सौंप दिया है. विकास की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को यूपी STF को सौंप दिया है. तीन गाड़ियों का काफिला विकास दुबे को लेकर कानपुर जा रहा है.


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पुलिस का काफिला गुना, शिवपुरी की तरफ जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गैंगस्टर विकास दुबे को भैरव गढ़ थाने से यूपी एसटीएफ को हैंड ओवर किया गया. उधर जानकारी ये भी मिल रही है कि विकास दुबे की पत्नी ऋचा और बेटे को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही नौकर को भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है.  


आपको बता दें कि आठ पुलिसवालों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को आज सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस छह दिनों उसकी तलाश कर रही थी. गिरफ्तारी से पहले दुबे ने मंदिर में जाने के लिए टिकट और प्रसाद खरीदा.


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मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि दुबे के दो साथियों बिट्टू और सुरेश को भी गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, ‘हमने दुबे को गिरफ्तार कर लिया है और वह अब हमारी हिरासत में है.’


मिश्रा के मुताबिक, दुबे कार से महाकाल मंदिर पहुंचा था. मौके पर मौजूद एक कांस्टेबल ने उसकी शिनाख्त की और इसके तीन अन्य सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट किया गया. उसे पूछताछ के लिए बगल में ले जाया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया.


दूसरी तरफ, मंदिर से जुड़े सूत्रों ने दुबे की गिरफ्तारी के संदर्भ में थोड़ा अलग ब्योरा दिया है. उनका कहना है कि दुबे सुबह के समय मंदिर के द्वार पर पहुंचा और पुलिस चौकी के निकट मौजूद काउंटर से 250 रुपये का टिकट का खरीदा. जब वह निकट की एक दुकान से प्रसाद खरीद रहा था तो दुकान का मालिक उसे पहचान गया और पुलिस को अलर्ट किया.


यह अभी स्पष्ट नहीं है कि दुबे को मंदिर में प्रवेश से पहले ही दबोच लिया गया या फिर दर्शन के बाद मंदिर से आने पर उसे पकड़ा गया जैसा कि कुछ खबरों में कहा गया है.


सूत्रों ने बताया कि जब पुलिस ने उसका नाम पूछा तो उसने तेज आवाज में कहा, ‘विकास दुबे.’ इसके बाद मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं निजी सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया.


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यह पूछे जाने पर कि दुबे की पहचान किसने की तो मिश्रा ने कहा, 'इंटेलीजेंस की बात भी बताएंगे. पहले हमें इसके मर्म तक आने दो. बाकी चीजें बाद में बताएंगे, पहले पता करने दो.' उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से वह प्रारंभ से ही क्रूरता की हदें पार करता रहा है और उसने जो कृत्य किया वह बहुत निंदनीय था, बहुत चिंतनीय था. मध्य प्रदेश पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है.


गौरतलब है कि शुक्रवार रात कानपुर के चौबेपुर इलाके में स्थित गांव बिकरू में पुलिस की टीम पर घात लगाकर हमला किया गया जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. यह पुलिस टीम दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची थी. इस घटना के बाद से दुबे फरार चल रहा था.


पुलिस का कहना है कि दुबे करीब 60 आपराधिक मामलों में आरोपी है जिनमें हत्या के मामले भी हैं. वह 20 साल पहले थाने के भीतर हुई भाजपा के एक विधायक की हत्या का आरोपी भी था, हालांकि सबूतों के अभाव में वह बरी हो गया.


दुबे की गिरफ्तारी के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘जिनको लगता है कि (उज्जैन में) महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धुल जाएंगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं.' चौहान ने ट्वीट में किया, 'मैंने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से बात कर ली है. शीघ्र आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.' दुबे की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले उसके दो कथित साथियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया.


दुबे का साथी कार्तिकेय उर्फ प्रभात कानपुर में तब मारा गया जब उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की जबकि दूसरा साथी प्रवीण उर्फ बउवा दुबे इटावा में मुठभेड़ में मारा गया.


कार्तिकेय को बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था. उसकी पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करते समय गोली लगने से मौत हो गई. एक अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी.


इटावा के पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि विकास दुबे का एक और करीबी साथी एवं इनामी बदमाश प्रवीण उर्फ बउवा दुबे गुरुवार को इटावा में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया. उस पर 50,000 रुपये का इनाम भी घोषित था.


कानपुर के बिकरू गांव में गत शुक्रवार को पुलिस टीम पर हमले के बाद उप्र पुलिस दुबे के पांच कथित साथियों को ढेर कर चुकी है. इसके अलावा दो पुलिसकर्मियों समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.