सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे 2 जून को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद अपने दोस्त के घर सिवली गांव में 2 दिन रुका.
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नई दिल्ली: गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है. हालांकि सवाल ये हैकि विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा और सात दिन कहां-कहां रुका. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे 2 जून को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद अपने दोस्त के घर सिवली गांव में 2 दिन रुका था.
इसके बाद विकास दुबे सिवली से स्लीपर बस से दिल्ली के आनंद विहार आया. विकास दुबे के साथ उसके साथी अमर और प्रभात भी थे. इसके बाद आनंद विहार बस अड्डे से फरीदाबाद पहुंचा. यहां विकास दुबे अंकुर मिश्रा और श्रवण मिश्रा के घर रुका. इसके बाद बाइक से अपने दोस्त रवि पांडेय की तलाश में रोहिणी सेक्टर 1 जाता है.
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इस दौरान विकास दुबे के पास फोन न होने के कारण वह अपने दोस्त को ढूंढ नहीं पाता है. सूत्रों का कहना है कि विकास चाहता था कि वो रोहिणी में अपने दोस्त के यहां रुके, लेकिन दोस्त से मुलाकात न हो पाने के कारण वह फिर फरीदाबाद आता है. तीनों फरीदाबाद में रूम लेते हैं. लेकिन अमर कमरे से पहले निकल जाता है, फिर विकास और प्रभात रूम छोड़ते हैं. जानकारी के मुताबिक, विकास मंगलवार को फरीदाबाद से दिल्ली आता है और फिर दिल्ली से बस पकड़ कर उज्जैन पहुंचता है.
उज्जैन मंदिर के बाहर विकास दुबे गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी और कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस छह दिनों से उसकी तलाश कर रही थी. गिरफ्तारी से पहले दुबे ने मंदिर में जाने के लिए टिकट और प्रसाद खरीदा.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि दुबे के दो साथियों बिट्टू और सुरेश को भी गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने दुबे को गिरफ्तार कर लिया है और वह अब हमारी हिरासत में है.’’
मिश्रा के मुताबिक, दुबे कार से महाकाल मंदिर पहुंचा था. मौके पर मौजूद एक कांस्टेबल ने उसकी शिनाख्त की और इसके तीन अन्य सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट किया गया. उसे पूछताछ के लिए बगल में ले जाया गया और फिर गिरफ्तार कर लिया गया.
दूसरी तरफ, मंदिर से जुड़े सूत्रों ने दुबे की गिरफ्तारी के संदर्भ में थोड़ा अलग ब्योरा दिया है. उनका कहना है कि दुबे सुबह के समय मंदिर के द्वार पर पहुंचा और पुलिस चौकी के निकट मौजूद काउंटर से 250 रुपये का टिकट का खरीदा. जब वह निकट की एक दुकान से प्रसाद खरीद रहा था तो दुकान का मालिक उसे पहचान गया और पुलिस को अलर्ट किया.
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि दुबे को मंदिर में प्रवेश से पहले ही दबोच लिया गया या फिर दर्शन के बाद मंदिर से आने पर उसे पकड़ा गया जैसा कि कुछ खबरों में कहा गया है.
सूत्रों ने बताया कि जब पुलिस ने उसका नाम पूछा तो उसने तेज आवाज में कहा, ‘विकास दुबे.’ इसके बाद मंदिर पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं निजी सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया.
यह पूछे जाने पर कि दुबे की पहचान किसने की तो मिश्रा ने कहा, 'इंटेलीजेंस की बात भी बताएंगे. पहले हमें इसके मर्म तक आने दो. बाकी चीजें बाद में बताएंगे, पहले पता करने दो.' उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से वह प्रारंभ से ही क्रूरता की हदें पार करता रहा है और उसने जो कृत्य किया वह बहुत निंदनीय था, बहुत चिंतनीय था. मध्य प्रदेश पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है.
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि दुबे को ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश लाया जायेगा और कानपुर कांड में शामिल दुबे के गिरोह के सभी सदस्यों को पकड़ने तक हमारा अभियान जारी रहेगा .