Mughal Dark Secrets: मुगलों (Mughals) ने यूं तो भारत में करीब 300 साल तक शासन किया. लेकिन क्या आपको मालूम है कि एक मुगल बादशाह (Mughal Emperor) ऐसा भी था जो एक नंबर का नशेड़ी था. उसे शराब और अफीम की बुरी लत थी. इन बुरी लतों के चक्कर में वह युद्ध में बुरी तरह पराजित हुआ था. नौबत ये आ गई थी कि इस मुगल बादशाह को भारत छोड़कर भागना पड़ा था और ईरान (Iran) के शाह की शरण लेनी पड़ी थी. उसको मालूम था कि अगर वह भारत में रुका तो उसको मौत के घाट उतार दिया जाएगा. आइए जानते हैं कि ऐसा मुगल बादशाह कौन था जिसने नशे के चक्कर में अपना सिंहासन तक गंवा दिया था.


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कौन था नशेड़ी मुगल बादशाह?


बता दें कि नशे के चक्कर में सल्तनत गंवाने वाला मुगल बादशाह कोई और नहीं बल्कि भारत में मुगल साम्राज्य स्थापित करने वाले बाबर का बेटा हुमायूं ही था. हुमायूं को अफीम लेने और शराब पीने की बुरी लत थी. उसे लोग एक नंबर का नशेड़ी कहने लगे थे. माना जाता है कि इसी कमजोरी के कारण उसे शेरशाह सूरी के हाथों जंग में हार का सामना करना पड़ा था.


जंग में किया हार का सामना


जान लें कि हुमायूं और शेरशाह सूरी के बीच चौसा का युद्ध (Battle of Chausa) हुआ था. ये जंग 29 जून 1539 को वर्तमान बिहार के बक्सर में स्थित चौसा गांव के पास लड़ी गई थी. इस युद्ध में शेर शाह सूरी की जीत हुई थी और हुमायूं को बहुत बुरी हार मिली थी. इसके बाद हुमायूं को अपनी जान बचाने के लिए जंग के मैदान को छोड़कर भागना पड़ा था.


नहीं भोग पाया सत्ता का सुख


हालांकि, 1540 ईस्वी में भारत छोड़ने के बाद हुमायूं 15 साल बाद यानी 1555 ईस्वी में फिर भारत वापस लौटा था और दिल्ली-आगरा पर कब्जा जमा लिया था. हालांकि, सत्ता का सुख वह ज्यादा दिन तक भोग ना सका. 1556 में दिनपनाह भवन की सीढ़ियों से गिरने के कारण वह घायल हो गया और फिर उसकी मौत हो गई थी.


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