Aurangzeb Death: मुगलों (Mughals) का राज सन् 1526 में बाबर (Babur) की ताजपोशी के साथ भारत में शुरू हुआ था और अगले 300 से ज्यादा साल तक वो दिल्ली (Delhi) की गद्दी पर बने रहे. कई मुगल बादशाहों (Mughal Emperors) को उनके शासन, इमारतों और फैसलों के बारे में याद किया जाता है, लेकिन एक मुगल बादशाह ऐसा भी था जो अपनी क्रूरता के लिए मशहूर है. इस मुगल बादशाह ने सत्ता पाने के लिए सबसे ज्यादा खून बहाया. इसने अपने बड़े भाई का सिर कलम करा दिया. भतीजों की हत्या करवाई. वह इतने पर भी नहीं थमा. उसने अपने पिता को भी कैद कर लिया और आखिरी दम तक उन्हें नहीं छोड़ा. आइए इस मुगल के बारे में जानते हैं.


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मुगलिया सल्तनत का क्रूर बादशाह!


बता दें कि ये मुगल कोई और नहीं बल्कि मुगलिया सल्तनत का बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) था. मुगल बादशाह शाहजहां (Shah Jahan) के उत्तराधिकारी उनके बड़े बेटे दारा शिकोह (Dara Sikoh) माने जाते थे. लेकिन औरंगजेब की बड़ी महात्वाकांक्षा की वजह से खूब मारकाट मची. अपनों का खून बहा. भाई-भतीजों की हत्या हुई.


भाई को दी बेरहम मौत


मुगल बादशाह औरंगजेब दिल्ली की गद्दी पर बैठ चुका था, लेकिन तब भी उसे असुरक्षा महसूस हो रही थी. फिर उसने अपने भाई दारा शिकोह की गर्दन कटवा दी. उसकी क्रूरता यहीं नहीं रुकी. उसने अपने बड़े भाई के सिर को अपने पिता सामने के सामने पेश करवाया. उसने शाहजहां को आगरा में कैद किया. आखिरी दम तक औरंगजेब ने शाहजहां को आजाद नहीं किया.


49 साल तक किया शासन


गौरतलब है कि औरंगजेब के शासनकाल में कई मंदिर तोड़े गए और राज्य के विस्तार के लिए लगातार युद्ध लड़े गए. दक्षिण भारत में मुगलिया सल्तनत के विस्तार की सनक में वह पागल था. उसके काल में मराठाओं से कई बार युद्ध हुए. करीब 49 साल तक औरंगजेब ने शासन किया. हालांकि, उसकी मौत के बाद मुगल दोबारा कभी उसके जितने ताकतवर नहीं हो पाए. लगातार कमजोर होते चले गए.


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