Mughal Garden Delhi: अंग्रेजों के हाथों से बना था `अमृत उद्यान`, इस वजह से कहा जाता था `मुगल गार्डन`
Mughal garden ticket price: आपको जानकर हैरानी होगी कि `मुगल गार्डन` (वर्तमान में अमृत उद्यान) को बनाने में करीब 11 साल का समय लगा था. साल 1917 में इसका काम शुरू हुआ और साल 1928 में यह बनकर तैयार हुआ था लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि अंग्रेजों के हाथों से बने इस बगीचे को `मुगल गार्डन` क्यों नाम दिया गया था.
Mughal Garden Opening Date 2023: जब से राष्ट्रपति भवन के 'मुगल गार्डन' का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' किया गया है तब से राष्ट्रपति भवन और अमृत उद्यान की चर्चा जोरों शोरों पर है. आपको बता दें कि मुगल गार्डन को जिसे वर्तमान में अमृत उद्यान के नाम से जाना जा रहा है, उसे बनाने का श्रेय एडविन लुटियंस और लॉर्ड हार्डिन्ज को जाता है जिसने साल 1917 में मुगल गार्डन को डिजाइन किया था. आजादी से पहले राष्ट्रपति भवन को 'वायसराय हाउस' के नाम से जाना जाता था लेकिन आजादी के बाद इसका नाम बदलकर राष्ट्रपति भवन कर दिया गया था. मुगल गार्डन राष्ट्रपति भवन के अंदर मौजूद एक खूबसूरत बगीचा है. इस बगीचे को जब डिजाइन किया गया था तब वायसराय की पत्नी को यह पसंद नहीं आया था, इसी वजह से इसका काम दोबारा शुरू किया गया था.
आपको जानकर हैरानी होगी कि मुगल गार्डन को बनाने में करीब 11 साल का समय लगा था. साल 1917 में इसका काम शुरू हुआ और साल 1928 में यह बनकर तैयार हुआ था. ज्यादातर लोग सोचते हैं कि जिस गार्डन को बनाने में मुगलों का कोई हाथ ही नहीं था उसे 'मुगल गार्डन' नाम क्यों दिया गया था. आपको बता दें कि इस गार्डन का निर्माण 'मुगल शैली' में किया गया था. एडविन लुटियंस ने जब 'मुगल गार्डन' को बनाने का काम शुरू किया था. तब इसके रिफरेंस के लिए ताजमहल के बगीचे, कश्मीर के बाग, भारत और पर्शिया के पेंटिंग पर अपनी नजर दौड़ाई थी. इस वजह से भी यह बगीचा इतना आलीशान लगता है.
आपको बता दें कि अमृत उद्यान में कुल 4 बगीचे हैं, चतुर्भुजाकार उद्यान, लंबा उद्यान, पर्दा उद्यान और गोलाकार उद्यान है, यहां आपको फाउंटेन भी देखने को मिल जाता है. मुगल शैली में बनाए गए उद्यानों की एक खास बात है कि वहां पर आपको फाउंटेन देखने को जरूर मिलते हैं.
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