Aurangzeb Vs Shah Shuja in Mughal History: भारत को क्रूरता के साथ लूटने और तलवार के बल पर लोगों का धर्म बदलवाने वाले मुस्लिम हमलावरों ने सत्ता के लिए अपनों का खून बहाने में कोई कंजूसी नहीं बरती. ऐसा ही खूनी इतिहास भारत पर 300 सालों तक राज करने वाले मुगलों का भी है. इस वंश का सबसे क्रूर बादशाह औरंगजेब था, जिसने गद्दी पाने के लिए न केवल अपने बाप शाहजहां को जेल में डाल दिया था. बल्कि एक-एक करके अपने तीनों भाइयों की गर्दन कटवाकर मरवा डाला था. इनमें एक भाई शाह शुजा भी था, जिसने हाथी के हमले में औरंगजेब की जान बचाई थी. 


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मुगल बादशाह शाहजहां के थे 4 बेटे 


इतिहासकारों के मुताबिक शाहजहां (Shahjahan) के चार बेटे दारा शिकोह, शाह शुजा, औरंगज़ेब और मुराद थे. बाबर के समय से ही मुगलों के दौर में शहजादों को अपना रणकौशल साबित करने की परंपरा थी. इसीलिए अपना हुनर दिखाने के लिए औरंगजेब एक दिन घोड़े पर बैठकर  मैदान में उतरा और हाथी से भिड़ा. शाहजहां समेत सैकड़ों लोग इस नजारे को देख रहे थे. 


शाह शुजा ने बचाई औरंगजेब की जान


औरंगजेब (Aurangzeb) के हमले से हाथी भड़क गया और उसने सूंड से हमला कर दिया. खुद को बचाने के लिए औरंगजेब ने अपनी तलवार से उस पर हमला किया, जिससे वह और क्रोधित हो गया. इसके बाद गुस्साए हाथी ने घोड़े को कुचलकर मार डाला और औरंगेजब की ओर बढ़ा. जमीन पर नीचे पड़े औरंगजेब से मौत कुछ ही दूरी पर थी. तभी वहां मशाल लेकर खड़ा औरंगजेब का दूसरा भाई शाह शुजा (Aurangzeb Vs Shah Shuja) मैदान में पहुंच गया. इससे हाथी का ध्यान भटका, जिससे औरंगजेब की जान बच गई. 


सत्ता के लिए चारों में हुआ खूनी संघर्ष


शाहजहां (Shahjahan) के बूढ़े होने पर चारों शहजादे बादशाह बनने के लिए एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए. शाहजहां अपने बड़े बेटे दारा  शिकोह से ज्यादा प्यार करता था और उसे ही बादशाह बनाना चाहता था लेकिन औरंगजेब के मन में कुछ और ही चल रहा था. उसने अपनी साजिश को पूरा करने के लिए शाह शुजा और मुराद को अपने झांसे में ले लिया. 


औरंगजेब ने पहले दारा शिकोह को मरवाया


उस वक्त शाहजहां ने औरंगजेब (Aurangzeb) को दक्कन, शाह शुजा (Aurangzeb Vs Shah Shuja) को बंगाल और मुराद को गुजरात का प्रभारी बना रखा था. तीनों के पास अपनी अलग-अलग मुगल सेना थी. औरंगजेब ने दोनों भाइयों को भड़काकर दारा शिकोह को पहले दिल्ली से भागने पर मजबूर कर दिया. इसके बाद सिर कटवाकर उसकी हत्या करवा दी. जबकि शाहजहां को जेल में डाल दिया गया. 


फिर शाह शुजा को मारने के लिए किया हमला


इसके बाद औरंगजेब (Aurangzeb) ने शाह शुजा को प्रस्ताव दिया कि अगर वह उसे बादशाह मान लेता है तो वह उसे बंगाल में पहले की तरह शासन करने की अनुमति दे देगा. उसके बदले हुए इरादे देख शाह शुजा चौकस हो गया और दोनों के बीच जंग शुरू हो गई. शाह शुजा की सेना औरंगजेब की तुलना में युद्ध में ज्यादा पारंगत थी. उसने युद्ध के मैदान में औरंगजेब की फौज को पीछे धकेलना शुरू कर दिया. यह देख औरंगजेब हैरान रह गया. 


जंग के मैदान में दोनों की हुई भीषण टक्कर


औरंगजेब (Aurangzeb) ने हमले से घबराकर भाग रहे हाथियों को पैर बंधवाकर उन्हें एक जगह खड़ा कर दिया, जिसने एक मजबूत डिफेंस लाइन का काम किया. इसके बाद उसके सैनिकों ने शाह शुजा (Aurangzeb Vs Shah Shuja) की फौज पर जवाबी धावा बोल दिया. मजबूती से लड़ाई लड़ने के बावजूद शाह शुजा को आखिरकर हार झेलनी पड़ी. वह युद्ध के मैदान से बचता हुआ पहले ढाका पहुंचा और फिर म्यांमार के अराकान इलाके में गया. 


सभी भाइयों को मारकर औरंगजेब बना बादशाह


लेकिन उसका पीछा कर रहे मुगल सैनिकों ने आखिरकार उसे वहां पर भी घेर कर मार दिया. इसके बाद अगले युद्ध में औरंगजेब (Aurangzeb Vs Shah Shuja) ने अगले युद्ध में अपने छोटे भाई मुराद को भी हराकर उसकी गर्दन कटवा दी. इस प्रकार जिस भाई ने औरंगजेब की जान बचाई थी, अंतत उसे ही मारकर वह मुगलों का नया बादशाह बनने में कामयाब हो गया. 


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