भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट सोमवार को जारी कर दी. पार्टी की इस सूची में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का नाम नहीं है. अब ऐसी स्थिति में मुख्तार अब्बास नकवी के मंत्रीपद पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं, क्योंकि अगर वह संसद नहीं पहुंचते हैं तो उन्हें 6 महीने के अंदर अपने पद से इस्तीफा देना होगा. 


क्या रामपुर से लड़ेंगे मुख्तार अब्बास नकवी?


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सवाल उठता है कि क्या बीजेपी मुख्तार अब्बास को रामपुर में होने वाले लोकसभा के उपचुनाव में उतारेगी. दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद यहां की सीट खाली है. आजम खान के विधानसभा में पहुंचने के बाद बीजेपी इस सीट पर जीत हासिल करने की कोशिश में जुटी है. 


मुख्तार अब्बास नकवी को अगर रामपुर सीट से बीजेपी उतारती है तो उसका फैसला सही भी हो सकता है, क्योंकि नकवी इससे पहले 1998 के चुनाव में रामपुर से लड़े थे और उन्हें जीत हासिल हुई थी. अटल बिहारी वाजपेयी की उस सरकार में मुख्तार अब्बास नकवी मंत्री थे. वह सूचना और प्रसारण मंत्री थे. बता दें कि रामपुर में उपचुनाव 23 जून को होना है. 


मुख्तार अब्बास नकवी ने अपनी राजनीतिक पहचान बीजेपी में रहते हुए बनाई है. वह पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरे हैं और अब जब उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं मिला तो उनको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.  


झारखंड से चुने गए थे मुख्तार अब्बास नकवी


मुख्तार अब्बास नकवी 2016 में झारखंड से राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उनका कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है. बीजेपी ने इस बार नकवी की जगह आदित्य साहू को टिकट दिया है. मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा मोदी सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह को भी राज्यसभा का टिकट नहीं मिला है.


आरसीपी सिंह जेडीयू के सीनियर नेता हैं. पार्टी ने इस बार उनकी जगह खीरू महतो को उतारा है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव दुष्यंत गौतम, पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल को भी टिकट नहीं मिला है. 



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