गेटवे ऑफ इंडिया के पास नाव हादसे के बाद अधिकारियों का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए जीवन रक्षक जैकेट पहनना अनिवार्य
Mumbai Boat Accident: मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जा रही नीलकमल बोट के हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद अधिकारियों ने आगे से इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए एक नया फरमान जारी किया है. जानें पूरा मामला.
Life jackets now mandatory for ferry rides from Gateway of India: मुंबई के तट पर नौसैनिक पोत के पर्यटक नौका को टक्कर मारने से 13 लोगों की मौत होने के एक दिन बाद गुरुवार को अधिकारियों ने ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ से नौका सवारी करने वाले सभी लोगों के लिए जीवनरक्षक जैकेट अनिवार्य कर दी है. बुधवार को हुई दुर्घटना में जीवित बचे कुछ लोगों ने दावा किया कि नौका पर पर्याप्त जीवनरक्षक जैकेट नहीं थीं. बुधवार दोपहर नौसेना के पोत ने इंजन परीक्षण के दौरान यात्री नौका 'नील कमल' को टक्कर मार दी थी, जिसकी वजह से नौसेना के एक कर्मी और दो संविदा कर्मियों समेत 13 लोगों की मौत हो गई जबकि लगभग 100 लोगों को बचा लिया गया.
एलिफेंटा द्वीप जा रही थी नाव
नौका 100 से अधिक यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप ले जा रही थी. ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर तैनात एक सहायक नौका निरीक्षक देवीदास जाधव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने प्रत्येक यात्री के लिए जीवनरक्षक जैकेट का उपयोग अनिवार्य कर दिया है. भाऊचा ढक्का पर नावों के मालिकों का कहना है कि लोगों को जीवनक्षक जैकेट पहननी चाहिए, लेकिन कई बार यात्री ऐसा नहीं करते, हालांकि आपात स्थिति में ये जीवन रक्षक साबित हो सकती हैं. नौका मालिक समीर बामने ने कहा कि कुछ यात्री लाइफ जैकेट पहनने से कतराते हैं, इसका कारण यह है कि उमस के दौरान अत्यधिक गर्मी और पसीने की वजह से वे असहज महसूस करते हैं.
नौसेना की नाव का इंजन खराब होने से हुआ हादसा
हादसे को लेकर नौसेना ने बयान जारी कर बताया कि भारतीय नौसेना के एक जहाज ने इंजन की खराबी के कारण मुंबई हार्बर में इंजन परीक्षण के दौरान नियंत्रण खो दिया. परिणामस्वरूप, नाव एक यात्री नौका से टकरा गई और पलट गई.
नौसेना के बयान में आगे बताया गया था कि हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत की सूचना मिली है. घटनास्थल से बचाए गए लोगों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया. खोज और बचाव अभियान तुरंत शुरू कर दिया गया था, जिसमें 4 नौसेना हेलीकॉप्टर, 11 नौसेना के जहाज, एक तटरक्षक नाव और तीन समुद्री पुलिस के जहाज जीवित बचे लोगों को निकालने के लिए काम पर लगाए गए थे. इनपुट भाषा से भी