EVM Controversy: EVM अनलॉक करने वाला फोन और अंतिम समय में 48 वोटों से जीत... NDA उम्मीदवार पर क्यों उठ रहे सवाल?
Shivsena’s candidate Ravindra Waikar: ईवीएम हैक के मामले को लेकर मुंबई पुलिस ने उत्तर-पश्चिम मुंबई से सांसद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है. मतगणना केंद्र पर डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बावजूद पांडिलकर के पास मोबाइल फोन था.
Election Result 2024: मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद रवींद्र वायकर के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. मिड डे अखबार के मुताबिक, स्थानीय वनराई पुलिस ने जांच के दौरान पाया है कि शिवसेना उम्मीदवार और नवनिर्वाचित सांसद रवींद्र वायकर का रिश्तेदार और आरोपी मंगेश पांडिलकर उस फोन का उपयोग कर रहा था जो इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी EVM से जुड़ा हुआ था. पुलिस ने बताया है कि इसी मोबाइल फोन का इस्तेमाल 4 जून यानी काउंटिंग डे के दिन ईवीएम मशीन को अनलॉक करने के लिए जरूरी ओटोपी जेनरेट करने में किया गया था.
चुनाव आयोग ने दी सफाई
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक स्वतंत्र प्रणाली है, जिसे अनलॉक (खोलने) करने के लिए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की जरूरत नहीं होती. चुनाव आयोग ने यह बात कही. मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की चुनाव अधिकारी वंदना सूर्यवंशी, मिड-डे अखबार में छपी एक खबर पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिसमें कहा गया है कि शिवसेना उम्मीदवार रवीन्द्र वायकर के एक रिश्तेदार ने 4 जून को मतगणना के दौरान एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था, जो ईवीएम से जुड़ा था.
सूर्यवंशी ने कहा, 'ईवीएम एक स्वतंत्र प्रणाली है और इसे अनलॉक करने के लिए ओटीपी की कोई जरूरत नहीं है. हमने मिड-डे अखबार को भारतीय दंड संहिता की धारा 499, 505 के तहत मानहानि और झूठी खबर फैलाने के लिए एक नोटिस जारी किया है.'
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
मिड डे की एक रिपोर्ट के अनुसार, वनराई पुलिस ने आरोपी मंगेश पांडिलकर और चुनाव आयोग के पोल पोर्टल संचालक दिनेश गुरव को CRPC 41A के तहत नोटिस भेजा है. पुलिस ने मोबाइल फोन से डेटा जुटाने के लिए फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेज दिया है और फोन पर मौजूद फिंगरप्रिंट भी ले रही है. वनराई पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर रामपियारे राजभर ने कहा है कि मोबाइल फोन को फोरेंसिक के पास भेज दिया है जिससे कॉल रिकॉर्ड का पता चलेगा.
पुलिस कर रही जांच
उन्होंने आगे कहा, "हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या मोबाइल फोन का इस्तेमाल किसी अन्य कारण से किया गया था. हमने अन्य उम्मीदवारों के बयान दर्ज किए हैं और आरोपी मंगेश पांडिलकर और दिनेश गुरव को नोटिस भेजा गया है. जांच के लिए उन्हें थाना बुलाया गया है. ऐसा लगता है कि वे फिलहाल हमारे साथ सहयोग कर रहे हैं. अगर वे सहयोग करने में हिचकते हैं तो हम गिरफ्तारी वारंट जारी करेंगे."
इस सीट से चुनाव लड़ रह रहे उम्मीदवारों की शिकायत पर चुनाव आयोग के अधिकारी ने वनराई पुलिस स्टेशन में 14 जून को एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस का कहना है कि हम नेस्को (काउंटिंग सेंटर) पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रहे हैं जिससे हमें यह जानने में मदद मिल सकती है कि मोबाइल फोन केंद्र के अंदर कैसे पहुंचा. हम इस पहलू की भी जांच कर रहे हैं कि क्या इस मामले में और भी आरोपी शामिल हैं. हम यह भी पता लगा रहे हैं कि इस मोबाइल फोन किसने दी थी.
अंतिम समय में रवींद्र वाइकर को मिली 48 वोटों से जीत
4 जून को काउंटिंग डे के दिन नेस्को केंद्र के अंदर NDA उम्मीदवार रवींद्र वायकर और INDIA गठबंधन के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर मौजूद थे. EVM मशीन से वोटों की गिनती के दौरान अमोल कीर्तिकर आगे थे लेकिन जब इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम पर वोटों की गिनती की गई तो कीर्तिकर पिछड़ गए और अंतिम समय में वाइकर 48 वोटों से जीत गए. दिलचस्प यह है कि पोस्टल बैलेट सिस्टम को अनलॉक करने के लिए निर्वाचन अधिकारी दिनेश गुरव ने मंगेश पांडिलकर का फोन इस्तेमाल किया था.