`पद्मावती` विवाद : करणी सेना की धमकी के बाद, दीपिका की सुरक्षा बढ़ाई गई
करणी सेना के नेता महीपाल सिंह मकराना ने गुरुवार को धमकी दी कि अगर बालीवुड फिल्म पद्मावती पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया और दीपिका पादुकोण अपनी भड़काऊ बातों से भावनाओं को भड़काना बंद नहीं करती हैं तो महाकाव्य रामायण में जिस तरह सूर्पणखा की नाक काट दी गई थी उसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी.
मुंबई : पद्मावती फिल्म को लेकर पैदा हुए विवाद में श्री राजपूत करणी सेना द्वारा फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को निशाना बनाए जाने की धमकी दिए जाने के बाद मुंबई पुलिस ने आज अभिनेत्री की सुरक्षा बढ़ा दी. करणी सेना के नेता महीपाल सिंह मकराना ने गुरुवार को धमकी दी कि अगर बालीवुड फिल्म पद्मावती पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया और दीपिका पादुकोण अपनी भड़काऊ बातों से भावनाओं को भड़काना बंद नहीं करती हैं तो महाकाव्य रामायण में जिस तरह सूर्पणखा की नाक काट दी गई थी उसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) देवेन भारती ने बताया, ‘‘ संगठन द्वारा नाक काटने की धमकी दिए जाने के बाद मुंबई पुलिस ने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की सुरक्षा बढ़ा दी है .’’ उन्होंने कहा कि हम धमकी के बाद उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं . पुलिस अभिनेत्री मुंबई स्थित घर और कार्यालय में सुरक्षा मुहैया कराएगी. पुलिस पहले ही फिल्मकार संजय लीला भंसाली को सुरक्षा प्रदान कर चुकी है.
दीपिका के समर्थन में उमा भारती
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर मचे घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती फिल्म की लीड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के समर्थन में उतर आई है. उमा ने कहा फिल्म की अभिनेत्री या अभिनेताओं के बारे में कोई भी टिप्पणी करना सही नहीं है. हालांकि उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और स्क्रिप्ट राइटर को विवाद के लिए जिम्मेदार बताया है. गुरुवार को एक बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने इस मसले पर अपनी राय रखी है.
उमा ने दीपिका का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, 'जब हम पद्मावती के सम्मान की बात करते हैं तो हमें सभी महिलाओँ के सम्मान का ध्यान रखना होगा. फिल्म पद्मावती के संदर्भ में उस फिल्म की अभिनेत्री या अभिनेताओं के बारे में कोई भी टिप्पणी उचित नहीं है. उनकी आलोचना अनैतिक होगी.' अगले ट्वीट में उमा ने कहा कि फिल्म की कहानी के लिए फिल्म के डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर जिम्मेदार होते हैं और उन्हें ही लोगों की भावनाओं और ऐतिहासिक तथ्यों का ध्यान रखना था.
एक ट्वीट में उमा ने फिल्म के कलाकारों से अपील की है कि वह इस मामले में पक्ष न बनें. उन्होंने कहा, मेरी अपील है कि फिल्म में जिन्होंने एक्टिंग की है वो इस विषय में पक्ष न बनें, कहानी की जिम्मेवारी डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर की होती है. उमा ने कहा, 'मुझे भरोसा दिलाया गया है कि सेंसर बोर्ड उन सब बातों का ध्यान रखेगा जिनपर आपत्ति की जा रही है. मुझे विश्वास है कि उनके जानकारी में भी चारों तरफ से आ रही आशंकाएं एवं आपत्तियां होंगी. उन्होंने कहा कि फिल्म सेंसर बोर्ड एक स्वतंत्र संस्था है. वह सबकी भावनाओं का ध्यान रखकर ही फिल्म को पारित करे, ऐसी हम सब की अपेक्षा है.