Mumbai Lakes: मुंबई में जरा सी बारिश ही पूरे शहर के लिए नासूर बन जाती है. इस बार भी हाल वैसा ही है. मुंबई की पानी की डिमांड पूरी करने वाली सात झीलें 80 फीसदी तक पहुंच गई हैं. शुक्रवार सुबह तक वह 80.45 फीसदी के निशान तक पहुंच गई थीं. जबकि सात में से चार झीलें पिछले महीने से ओवरफ्लो हैं. ऊपरी वैतरणा झील, जो मुंबई को प्रतिदिन दूसरे सबसे ज्यादा मात्रा में पानी उपलब्ध कराती है, वह अपनी कुल क्षमता का केवल 53 प्रतिशत ही छू पाई है. 


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80 फीसदी का आंकड़ा पार


कुल क्षमता का 11.64 लाख मिलियन लीटर हिस्सा रखने वाली सात झीलों ने शुक्रवार सुबह 80 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर लिया. पिछले साल इसी दिन झीलों का स्तर 77 प्रतिशत पर रहा था जबकि 2022 में इसी अवधि के दौरान झीलों का स्तर 89 प्रतिशत तक पहुंच गया था. 


जून भर में पांच प्रतिशत पर स्थिर रहने के बाद, पिछले महीने मुंबई में हुई भारी बारिश के कारण जुलाई के दूसरे हफ्ते से झील का स्तर काफी हद तक बढ़ गया है.


मुंबई को पानी देती हैं ये 7 झीलें


मुंबई को सात झीलों से पानी मिलता है - तुलसी, विहार, भटसा, मोदक सागर, तानसा, अपर वैतरणा और मध्य वैतरणा - जो मुंबई, ठाणे और नासिक जिलों में स्थित हैं. इन झीलों के जलभराव वाले हिस्से मॉनसून के दौरान भर जाते हैं, जिसके बाद पूरे साल पाइपलाइनों के जरिए पानी की सप्लाई की जाती है.


25 जुलाई को पानी के ये स्रोत फिर लबालब होने और चार झीलों के क्षमता तक भर जाने के बाद, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने 29 जुलाई को 10 प्रतिशत जल कटौती को खत्म कर दिया, जिससे शहर जून से जूझ रहा था.


निचले स्तर पर पहुंची वैतरणा झील


हालांकि, शुक्रवार को अपर वैतरणा झील तीन साल के निचले स्तर 53.22 प्रतिशत पर पहुंच गई है. इसी दिन अपर वैतरणा ने 2022 में 82 प्रतिशत का स्तर छू लिया था, जबकि 2023 में इसका स्टॉक 56 प्रतिशत पर पहुंच गया था. इस बीच, भातसा झील अब तक अपनी कुल क्षमता का 79 परसेंट छू चुकी है.


फिलहाल, मुंबई में हल्की बारिश हो रही है. हालांकि मौसम विभाग (IMD) ने येलो अलर्ट जारी किया है. आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार और शुक्रवार की सुबह के बीच, मध्य वैतरणा जलग्रहण क्षेत्र में अधिकतम 32 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद ऊपरी वैतरणा (30 मिमी), मोदक सागर (23 मिमी), तुलसी झील (22 मिमी) में बारिश हुई.