Rajasthan Muslim Reservation Update: जयपुर में आज मुसलमानों की विभिन्न जातियों ने बैठक करके सरकार को चेतावनी दी. प्रांतीय मुस्लिम तैली महापंचायत की ओर से बुलाई गई बैठक ओबीसी मुस्लिम जातियों के पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में राजस्थान मुख्यमंत्री द्वारा धर्म आधारित ओबीसी आरक्षण की समीक्षा करने के बयान और फिल्म हम दो हमारे बारह के ट्रेलर पर भी नाराजगी जताई गई. 


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'मुसलमानों को अलग से कोई सबकोटा नहीं'


प्रांतीय मुस्लिम तैली महापंचायत के अध्यक्ष अब्दुल लतीफ आरको ने कहा कि मुस्लिम ओबीसी जातियों को राज्य में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया गया है. उन्हें उनके ओबीसी समाज के समकक्ष पैतृक व्यवसाय और उनकी पिछडी सामाजिक व आर्थिक स्थिति के आधार पर स्वीकृत आरक्षण देने के लिए पात्र माना गया है. ओबीसी आरक्षण का लाभ हासिल करने के लिए मुसलमानों को अलग से कोई सबकोटा नहीं है. 


आरक्षण छीना तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन


आरको ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से छानबीन के बाद ही कुछ मुस्लिम जातियों को ओबीसी घोषित किया गया है. जिन जातियों को आरक्षण मिला है, वे ओबीसी की सामान्य मेरिट लिस्ट में शामिल होकर ही रिजर्वेशन का फायदा उठा सकते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भजनलाल शर्मा सरकार ने मुस्लिम समाज का आरक्षण खत्म करने का फैसला लिया तो पूरा मुस्लिम ओबीसी समाज सडकों पर उतरकर विरोध जताएगा. 


कांग्रेस की गहलोत सरकार ने दिया था आरक्षण


मुस्लिम समाज की इस बैठक में तैली, मंसूरी, पिंजारा, देशवाली, गद्दी, भिश्ती, कसाई, कायमखानी, अंसारी और कुरैशी समाज के पदाधिकारी शामिल हुए. बताते चलें कि राजस्थान में सरकारी नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने दिया था. विपक्ष में रही बीजेपी ने इस कदम को तुष्टिकरण की पराकाष्ठा बताया था और सत्ता में आने पर इस रिजर्वेशन की समीक्षा का ऐलान किया था.


सीएम भजनलाल शर्मा के बयान से भड़के मुसलमान


अब राज्य में बीजेपी की सरकार बन चुकी है और भजनलाल शर्मा प्रदेश के सीएम हैं. उन्होंने पिछले दिनों मुस्लिम समाज को ओबीसी आरक्षण दिए जाने के फैसले की समीक्षा का बयान दोहराया था. जिसके बाद से पिछड़े बनकर रिजर्वेशन का फायदा ले मुस्लिम जातियों के लोग परेशान हैं और सरकार को यह फैसला करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे रहे हैं.