अरब सागर से हिंद महासागर तक...हूती-चीन से निपटने के लिए नेवी का मेगाप्लान, उतारे समंदर के `काल`
MV Chem Pluto: एक तरफ हूती विद्रोहियों के हमले के बाद अरब सागर में तनाव बढ़ गया है. तो वहीं अब समंदर में चीन की हरकतों पर भी भारत की नजर है. इसी कड़ी में भारतीय नौसेना ने तीन जंगी जहाज को तैनात किया है.
Indian Ocean And Red Sea: हूती विद्रोहियों के हमले के बाद भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. भारतीय नौसेना ने तीन जंगी जहाज और एक समुद्री गश्ती विमान को तैनात किया है. इन जहाजों में INS Mormugao, INS Kochi और INS Kolkata शामिल हैं. ये सभी जहाज गाइडेड मिसाइल विध्वंसक हैं. इसके अलावा P-8I समुद्री गश्ती विमान भी तैनात किया गया है. भारतीय नौसेना का यह कदम क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए है. भारतीय नौसेना ने कहा है कि यह तैनाती क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए है भारत की तरफ से यह भी कहा गया है कि 23-24 दिसंबर को पहले M/V केम प्लूटो और फिर साईबाबा जहाज पर हुए हमलों की जांच की जा रही है.
यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों का हाथ!
दरअसल, अरब सागर में भारत की तट से 200 समुद्री मील दूर एक तेल टैंकर पर ड्रोन हमला हुआ है. यह टैंकर भारत आ रहा था. शक है कि इस टैंकर पर हमले के पीछे यमन में सक्रिय हूती विद्रोहियों का हाथ है. ऐसे में लाल सागर में जारी तनाव अब अरब सागर तक पहुंच गया है. यह घटना 18 दिसंबर की बताई जा रही है. इस हमले से टैंकर पर आग लग गई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ है. लाइबेरियाई झंडे वाला यह टैंकर शिप इजरायल से संबंधित था और भारत आ रहा था. हमले के बाद भी यह टैंकर भारत की तरफ अपनी यात्रा जारी रखे हुए है. हमले के समय जहाज पर सवार 21 भारतीय और एक नेपाली नागरिक सवार थे, फिलहाल सभी सुरक्षित हैं. उधर अमेरिकी रक्षा विभाग ने हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है.
इस हमले के कई मायने हैं
यह एक स्पष्ट संकेत है कि क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है. अरब सागर एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जो दुनिया भर के व्यापार और मालवाहक जहाजों को ले जाता है. यह हमला भारत के लिए भी चिंता का विषय है. यह हमला एक वैश्विक सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है. ड्रोन हमले एक बढ़ती प्रवृत्ति है, और वे किसी भी देश को निशाना बना सकते हैं. घटना को लेकर भारत अलर्ट हो गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत सरकार इस हमले को गंभीरता से ले रही है, जिन्होंने भी इस हमले को अंजाम दिया है उन्हें हम सागर तल से भी ढूंढ लाएंगे.
चीन की हरकतों पर भारत की नजर
उधर चीन की हरकतों पर भी भारत की नजर बनी हुई है. इसी कड़ी में भारतीय नौसेना का सबसे आधुनिक और ताक़तवर जंगी जहाज़ आईएनएस इंफाल भारतीय समुद्रों की रक्षा के लिए तैनात हो रहा है. संघर्ष का दायरा अब धीरे-धीरे समुद्र तक फैल रहा है और अगर ये इसी तरह फैलता रहा तो भारतीय नौसेना की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी. आईएनएस इंफाल ताकत और तकनीक में उच्च है. आईएनएस इंफाल भारतीय नौसेना का सबसे नया स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर है और अब ये नौसेना की पश्चिमी कमान का हिस्सा बन चुका है जिसकी ज़िम्मेदारी अरब सागर से लेकर मध्यपूर्व पर भारत के हितों की सुरक्षा करना है.
भारतीय नौसेना का आक्रामक रुख!
चीन लगातार अपनी नौसैनिक ताकत बढ़ा रहा है. चीन ने अपने विमानवाहक युद्धपोतों को भारतीय ओशन रीजन में भेजना शुरू कर दिया है. भारतीय नौसेना को भी तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर को बनाने की अनुमति मिल चुकी है. भारतीय नौसेना को 7516 किलोमीटर से ज्यादा के समुद्री तटीय इलाकों की निगरानी करनी होती है. कॉमर्शियल जहाजों को विद्रोहियों और दुश्मन देशों के हमले से बचाना होता है. इसी बीच यह घटना हो गई है और अब भारतीय नौसेना ने आक्रामक रुख अपना लिया है. अब देखना यह है कि तनाव कहां तक पहुंचता है.