Nagpur Court: कोरोना महामारी के बाद बीते कुछ सालों में देशभर में अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौत के मामले तेजी से बढ़े हैं. हालांकि ये सच है कि मौत कहीं भी, कभी भी और किसी को भी आ सकती है. लेकिन जब किसी की असमय मौत होती है तो ये एक दुखद स्थिति होती है. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया नागपुर की जिला अदालत में जहां कोर्ट की सुनवाई के दौरान जिरह कर रहे सीनियर एडवोकेट को हार्ट अटैक आ गया. न्यायपीठ पर बैठे सीनियर डिवीजन सिविल जज एस. बी. पवार को उनकी हालत समझने में देर नहीं लगी. वो खुद उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें बचाया नहीं जा सका.


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जिरह कर रहे थे एडवोकेट कुरैशी


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटनाक्रम के दिन सुबह करीब 11.30 बजे जज एस. बी. पवार की कोर्ट में केस लगा था. अपनी शुरुआती बात रखने के बाद कुरैशी ने कोर्ट को साइटेशन जारी करने की जानकारी दी और बेंच पर बैठ गए. दूसरे पक्ष के वकील धनराजानी जब अपनी दलील रख रहे थे तभी कुरैशी बेंच से गिर गए. उन्हें बेहोश होकर गिरते देख जज साहब फौरन चेयर से नीचे उतरे. कर्मचारियों को पानी देने को कहा. बिना समय गवाएं जस्टिस पवार उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए दौडे़. हालांकि स्ट्रेचर नहीं होने के कारण कुरैशी को कुर्सी पर बिठाकर नीचे लाया गया. जज साहब कुरैशी को अपने वाहन में पास के अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.


इसके बाद अस्पताल में प्राथमिक उपचार की सुविधाओं समेत अन्य चीजों की मांग हो रही है. इस घटनाक्रम से पूरे कोर्ट में शोक की लहर है. सीनियर एडवोकेट कुरैशी की पत्नी का देहांत हो चुका था. उनकी दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है. उनके निधन पर कोर्ट में शोक है.