Assam-Arunachal Pradesh: असम-अरुणाचल प्रदेश में सुलझेगा वर्षो पुराना सीमा विवाद, दोनों सीएम ने इस घोषणापत्र पर किए हस्ताक्षर
Assam-Arunachal Pradesh border dispute: पिछले कई सालों से सीमा विवाद पर आपस में उलझे रहे पूर्वोत्तर राज्यों में अब शांति की राह दिखने लगी है. शुक्रवार को असम और अरुणाचल प्रदेश ने ऐसे ही एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.
Assam-Arunachal Pradesh border dispute: देश में NDA सरकार आने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों में धीरे-धीरे क्षेत्रीय विवादों को खत्म करने पर फोकस किया जा रहा है. अब अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) और असम की सरकारों ने दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच मौजूदा सीमा संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते का नाम 'नमसाई घोषणा' (Namsai manifesto) रखा गया है. यह नाम नमसाई जगह पर यह समझौता होने की वजह से रखा गया. इस समझौते पर अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और असम (Assam) के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने हस्ताक्षर किए. समझौते के तहत राज्य सरकारें विवादित गांवों की संख्या कम करने पर सहमत हुई हैं.
दोनों सीएम ने किया समझौते का स्वागत
असम के सीएम सरमा ने कहा, 'हमने विवादित गांवों को पहले 123 के बजाय 86 तक सीमित करने का फैसला किया है. यह ऐतिहासिक है. दोनों राज्य सरकारों का लक्ष्य बहुत कम समय में संपूर्ण सीमा विवाद को हल करना है.' वहीं अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के सीएम पेमा खांडू ने ट्विटर पर लिखा, 'नमसाई घोषणा बेहद महत्वपूर्ण है. इससे पूर्वोत्तर में स्थाई भाईचारे, शांति और समृद्धि की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रगति होगी.'
गांवों की अदलाबदली पर बनी सहमति
समझौते के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश की संवैधानिक सीमा के भीतर जो 28 गांव हैं, वे राज्य के पास बने रहेंगे. वहीं 3 गांवों से अरुणाचल प्रदेश सरकार ने अपना दावा वापस ले लिया है. वे गांव अब असम (Assam) में शामिल माने जाएंगे. वहीं विवाद वाले 6 गांवों के अरुणाचल प्रदेश में बने रहने की सहमति बनी है. ये पहाड़ी गांव हैं, इसलिए उन्हें अरुणाचल प्रदेश के साथ जोड़ने का फैसला लिया गया.
समितियों की रिपोर्ट के बाद फाइनल समझौता
सूत्रों के मुताबिक दोनों सरकारों ने इस मसले (Assam-Arunachal Pradesh border dispute) को निपटाने के लिए 12 क्षेत्रीय समितियां बनाई थीं. वे सब समितियां ग्रामीणों के साथ व्यापक बातचीत करके जमीनी स्थिति का आकलन कर रही हैं. माना जा रहा है कि वे समितियां 15 सितंबर के भीतर रिपोर्ट की पहली किश्त जमा कर सकती हैं. इसके बाद दोनों सरकारें समितियों की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद अपनी सहमति जारी करेंगी. फिर इस समझौते को अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
कई सालों से कानूनी जंग लड़ रहे दोनों राज्य
दोनों सीमाई राज्यों के बीच इस समझौते को बेहद अहम माना जा रहा है. इससे पहले यह विवाद (Assam-Arunachal Pradesh border dispute) सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. हालांकि तब कोई हल नहीं निकल पाया था. इस साल अप्रैल में गुवाहाटी में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में दोनों मुख्यमंत्रियों ने लंबित सीमा मुद्दों को कोर्ट के बाद सुलझाने के लिए सहमति व्यक्त की थी. जिसके बाद इस समझौते का रास्ता साफ हो सकता.
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