मुस्लिम बहुल इलाके में PM नरेंद्र मोदी की रैली के सियासी मायने...
सीपीएम के गढ़ से पीएम नरेंद्र मोदी से प्रचार शुरू स्पष्ट संकेत दिया है कि 18 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरी है. त्रिपुरा चुनाव के नतीजे 3 मार्च को आएंगे.
अगरतला: पीएम नरेंद्र मोदी की त्रिपुरा में सोनामुरा की रैली से कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. दरअसल यह इलाका मुस्लिम बहुल है और यहां से बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरी खास बात यह है कि यह सीट त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के विधानसभा चुनाव क्षेत्र से सटी हुई है. माणिक सरकार सोनामुरा से लगी हुई धानपुर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. इस लिहाज से सीपीएम के गढ़ से पीएम नरेंद्र मोदी से प्रचार शुरू स्पष्ट संकेत दिया है कि 18 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरी है. त्रिपुरा चुनाव के नतीजे 3 मार्च को आएंगे.
त्रिपुरा की जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपने ही हमें 'चोलो पलटाई' (चलो बदलाव करें) के बारे में बताया. अब वक्त आ गया है कि यहां 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज वाम मोर्चा की सरकार को उखाड़ फेंका जाए. लेकिन अब लेफ्ट सरकार के चुनावों में सत्ता से जाने के साथ ही त्रिपुरा में विकास का युग आने वाला है.
जब जनता बोलती है तो सरकारें चुप हो जाती हैं- सोनामुरा में बोले पीएम मोदी
जादूगर सरकार का मायाजाल
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'जब जनता बोलती है तो सरकारें चुप हो जाती हैं. त्रिपुरा में विकास का युग आने वाला है'. पीएम ने आगे कहा कि 'जादूगर सरकार के मायाजाल ने लोगों को बर्बाद किया. अब त्रिपुरा को अंधकार युग से बाहर निकालने का वक्त आ गया है'. 'माणिक सरकार ने त्रिपुरा की जनता से धोखा किया. लोगों को सफेद कुर्ता दिखाया, अंदर का काला मैल नहीं.'
त्रिपुरा चुनाव : पीएम मोदी दो बार करेंगे राज्य का दौरा, बीजेपी के टॉप लीडर करेंगे प्रचार
पीएम द्वारा कही गईं मुख्य बातें...
बोलने, दिखाने और करने में अंतर है.
ये 25 सालों से शासन में हैं, लेकिन लोगों के लिए कुछ नहीं किया.
त्रिपुरा के लोगों को उनके हक का पैसा नहीं मिला, ये किसी अपराध से कम नहीं है.
माणिक सरकार को अपराध की सजा मिलनी चाहिए.
त्रिपुरा के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए.
धोखा देने वाली सरकार का बोरिया बिस्तर बांध दें.
माणिक सरकार ने 7वां वेतनमान क्यों लागू नहीं किया?
1996 के बाद राज्य में वेतन में सुधार न होना, हैरान करने वाला.
त्रिपुरा में लोकतंत्र को अपने तरीके से तोड़ा-मरोड़ा गया. ये अब नहीं चलेगा.
त्रिपुरा के विकास के लिए केंद्र 80 फीसदी मदद करता है.
केंद्र की मदद के बावजूद भी त्रिपुरा का विकास नहीं हुआ.
त्रिपुरा के गरीबों को लूटा गया, लाखों परिवारों को तबाह किया गया.
रोजवैली घोटाले में गरीबों को लूटने वालों को सजा दें.
त्रिपुरा के लोगों को मिलीभगत करके लूटा गया है.
लाल सलाम से मंजूरी के बाद ही यहां एफआईआर दर्ज हो पाती है.
त्रिपुरा से माणिक जाएगा, हीरा आएगा.
हमारी सरकार ने किसी का हक नहीं छीना.
25 साल से त्रिपुरा ने गलत माणिक पहना है.
जब तक माणिक नहीं उतारोगे, भाग्य नहीं बदलेगा.