नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्ग के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है. अपने साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में पीएम मोदी ने आम जनता के सामाजिक और आर्थिक जीवन पर असर डालने वाले कई बड़े फैसले किए हैं. पीएम मोदी ने ये कड़े फैसले ऐसे समय पर लिए जिससे बीजेपी को नुकसान हो सकता था, लेकिन उन्होंने राजनीतिक लाभ को दरकिनार करते हुए फैसले लिये. आइए डालते हैं एक नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन पांच बड़े फैसलों पर जिनकी वजह से बदल गया पूरा राजनीतिक माहौल.....


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आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े सभी धर्मों के सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस फैसले को मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार (8 जनवरी) को यह प्रस्ताव सदन में लाया जाएगा. बताया जा रहा है कि सवर्णों को दिए जाने वाले आरक्षण के इस फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार संविधान संसोधन का विधेयक लाएगी. इस आरक्षण को संवैधानिक मान्यता देने के लिए संविधान के प्रावधान 15-16 में बदलाव करना होगा. गैर-आरक्षित वर्गों के 10 प्रतिशत आरक्षण में 8 लाख से कम वार्षिक आय वाले लोगों (मध्यम वर्ग और गरीब), 1000 वर्गफिट तक के घर वाले और 5 हेक्टेयर से कम कृषि भूमि वाले सवर्ण आएंगे.


 



 


नोटबंदी
8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक रात 8 बजे टीवी पर आकर एक बड़ी घोषणा की थी. यह घोषणा थी नोटबंदी की. पीएम मोदी ने 8 नवंबर की रात 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने यह फैसला उस समय लिया था जब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. उनके इस फैसले पर विपक्ष की ओर से काफी हंगामा मचाया गया था. हालांकि, केंद्र सरकार के इस फैसले से लोगों को थोड़ी परेशानी उठानी पड़ी थी, लेकिन इसके चलते देश में कैशलेश इकोनॉमी और डिजिटलाईजेशन को बढ़ावा मिला था. 


 



 


जीएसटी
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर (Goods & Services Tax) लाने का फैसला किया. राज्यसभा में GST को लेकर संविधान संशोधन को मंजूरी मिल जाने के बाद पूरे देश में GST को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया. जीएसटी को एक बड़े आर्थिक सुधार के लिए गए फैसले के रूप में देखा गया था. जीएसटी लागू होने से पहले केंद्र और राज्य द्वारा अलग-अलग कई कर लगाए जाते थे. वहीं, जीएसटी के लागू हो जाने पर पूरे देश में एक ही कर लागू हुआ. इसे 'एक देश, एक बाजार, एक कर' के तौर पर प्रचारित किया गया. 


 



 


आयुष्मान भारत योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्‍त 2018 को 72वें स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से आयुष्मान भारत योजना का ऐलान किया था. इसके तहत भारत के गरीब परिवारों को बेहतर इलाज और गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए 25 सितंबर से आयुष्‍मान भारत स्‍कीम की शुरुआत हुई. बजट 2019 के दौरान घोषित की गई आयुष्मान भारत स्कीम के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपए तक के फ्री हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दी जाएगी. इसमें लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज कवर होगा. 


 



 


उज्जवला योजना
मोदी सरकार की अहम कल्याणकारी इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों तक एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराना है. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बीपीएल कार्ड धारक महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना और योजना के माध्यम से महिलाओं को चूल्हे से होने वाले धुंए से होने वाली बीमारियों से मुक्ति दिलाना है. पीएम मोदी ने हाल ही में कहा था कि उज्ज्वला योजना के तहत चार करोड़ लाभार्थियों में से 45 फीसदी दलित और आदिवासी हैं. पिछले चार वर्षों में 10 करोड़ नए कनेक्शन दिए गए है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि अब 70 फीसदी गांवों में एलपीजी की पहुंच 100 प्रतिशत है और 81 प्रतिशत गांवों में 75 फीसदी से ज्यादा है.