Nasal Spray Covid Vaccine: कब तक आ जाएगी कोरोना की नेजल स्प्रे वैक्सीन? 7 का क्लिनिकल ट्रायल जारी
नाक से दी जानी नेजल स्प्रे वैक्सीन (Nasal Spray Covid Vaccine) ज्यादा प्रभावी रहेगी. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह गेमचेंजर साबित हो सकती है.
नई दिल्ली: कोरोना (Corona) का कहर जारी है, इस बीच वैक्सीनेशन ड्राइव फुल स्पीड पर चल रही है. केंद्र की ओर से अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 20 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक मुफ्त में उपलब्ध कराई जा चुकी हैं और 1.84 करोड़ से अधिक खुराक अभी भी उनके पास उपलब्ध हैं. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अगले तीन दिनों में लगभग 51 लाख खुराक और मिल जाएंगी. फिलहाल 2 स्वदेशी वैक्सीन के अलावा रूस की Sputnik V Vaccine वैक्सीन भी आ चुकी है. इस बीच Nasal Spray Covid Vaccine पर भी काम जारी है.
7 Vaccine पर काम जारी है
जानकारों का मानना है कि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन (Nasal Spray Covid Vaccine) कोरोना से जंग में बड़ा हथियार साबित होगी. इस वैक्सीन की केवल एक खुराक ही कारगर होगी लेकिन सवाल उठता है कि ये वैक्सीन आखिर कब तक आएगी? बीते दिनों WHO द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कुल 7 Nasal Spray Covid Vaccine पर काम जारी है. इनका क्लिनिकल ट्रायल UK, US, भारत और चीन जैसे देशों में जारी है.
क्या हैं फायदे?
जानकारों के मुताबिक नाक से दी जानी नेजल स्प्रे वैक्सीन (Nasal Spray Covid Vaccine) ज्यादा प्रभावी रहेगी. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह गेमचेंजर साबित हो सकती है. इस वैक्सीन के प्रयोग में इन्फेक्शन का खतरा कम होगा. नेजल वैक्सीन का बच्चों के लिए भी ट्रायल किया जा रहा है. इस वैक्सीन की केवल एक खुराक ही काफी होगी जबकि अभी दो खुराक दी जा रही हैं. इससे ट्रांसमिशन चेन टूटेगी. स्टोरेज की समस्या कम होगी. सांस से संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा.
कौन-कौन सी वैक्सीन पर चल रहा है काम
भारत बायोटेक-
भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन पर काम रहा है. दिसंबर तक इस वैक्सीन की 10 करोड़ डोज बनाई जा सकती हैं. वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल जारी है.
सीरम इंस्टिट्यूट-
सीरम इंस्टिट्यूट (SII) के साथ मिलकर अमेरिकी कंपनी कोडाजेनिक्स (Codagenix) इंट्रानेजल वैक्सीन COVI-VAC पर काम कर रही है. यह भी सिंगल डोज वाली वाली कोविड-19 रोधी वैक्सीन होगी.
ऑल्टइम्यून-
अमरीकी कंपनी ऑल्टइम्यून (Altimmune) भी एडकोविड (AdCOVID) नाम की वैक्सीन बना रही है जो नाक के जरिए दी जाएगी. यह वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के पहले चरण में है.
रोकोटे लैबोरेट्रीज-
फिनलैंड की कंपनी रोकोटे लैबोरेट्रीज भी इस तरह की वैक्सीन पर काम कर रही है.
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SaNOtize-
कनाडा की सैनोटाइज (SaNOtize) का ब्रिटेन में दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल सफल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी अब भारत में एंट्री के लिए पार्टनर तलाश रही है.
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