Har Ghar Tiranga: राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का 2 अगस्त से है खास संबंध, PM मोदी ने किया मन की बात में जिक्र
Har Ghar Tiranga: भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का 2 अगस्त से एक खास संबंध है. इस बात का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मन की बात (Mann Ki Baat) में कार्यक्रम में किया.
Mann Ki Baat: भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है, ये बात तो आपको पता होगी. लेकिन अपने राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी हुई कई ऐसी बातें हैं, जो शायद ही आप जानते होंगे. आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) पर मोदी सरकार ने इस साल सरकार ने हर घर तिरंगा योजना (Har Ghar Tiranga) की शुरुआत की है. इसके तहत सभी नागरिकों को 13 से 15 अगस्त के बीच घर पर तिरंगा लगाने का आग्रह किया गया है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज का 2 अगस्त से खास संबंध है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी मन की बात (Mann Ki Baat) में इसका जिक्र किया.
पीएम मोदी ने मन की बात में किया जिक्र
पीएम मोदी ने मन की बात को संबोधित करते हुए कहा, 'क्या आप जानते हैं, 2 अगस्त का हमारे तिरंगे से एक विशेष संबंध भी है. इसी दिन पिंगली वेंकैया जी की जन्म-जयंती होती है जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को design किया था. मैं उन्हें, आदरपूर्वक श्रद्दांजलि अर्पित करता हूं.' पीएम मोदी ने कहा, 'मेरा एक सुझाव ये भी है, कि 2 अगस्त से 15 अगस्त तक, हम सभी, अपनी Social Media Profile Pictures में तिरंगा लगा सकते हैं.'
5 सालों के अध्ययन के बाद बनाया तिरंगे का डिजाइन
पीएम मोदी ने जिन पिंगली वेंकैया का जिक्र किया उनका देश की आजादी में बड़ा सहयोग है. पिंगली वेंकैया एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे. उनका जन्म 1876 में हुआ था. उनका जन्म और पालन-पोषण आंध्र प्रदेश में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था. हनुमंतरायडू उनके पिता थे. उन्होंने मद्रास में अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए. भारत लौटने के बाद उन्होंने एक रेलवे गार्ड के रूप में और फिर बेल्लारी में एक सरकारी कर्मचारी के रूप में काम किया. गांधीजी के संपर्क में आने के बाद वे भारत के आजादी लड़ाई में शामिल हो गए. पिंगली वेंकैया ने 1916 के बाद करीब 5 सालों के अध्ययन के बाद तिरंगे की डिजाइन बनाई थी.
स्वराज का प्रतीक माना जाता था तिरंगा
पिंगली ने एक झंडा डिजाइन किया था, जिसका नाम स्वराज रखा गया था. इस झंडे में भारत के दो प्रमुख समुदायों- हिंदू और मुस्लिम के प्रतीकों की पट्टियां शामिल थीं. पिंगली के इस डिजाइन ने लोगों के दिल को छू लिया. स्वराज का प्रतीक इस ध्वज को माना जाने लगा. इससे लोगों में स्वतंत्रता की भावना को एकजुट करने में मदद की. पिंगली मे महात्मा गांधी के चरखे की डिजाइन को सफेद रंग की पट्टी के साथ भी इस झंडे में शामिल किया.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर