नई दिल्ली : दिल्ली की सड़कों से वाहनों का बोझ हल्का कर उसे यातायात जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने नयी सड़क परियोजनाओं पर काम शुरु कर दिया है. दिल्ली से होकर अन्य राज्यों को जाने वाले वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अन्य शहरों से बाहर निकालने के लिये एनएचएआई द्वारा लगभग आधा दर्जन सड़क परियोजनायें लागू की गयी हैं.


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एनएचएआई ने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को दिल्ली को यातायात जाम से मुक्त कराने के लिये शुरू की गयी इन परियोजनाओं के काम की समीक्षा रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक दो परियोजनाओं पर काम शुरु कर दिया गया है जबकि अन्य परियोजनाओं की विस्तृत कार्ययोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गयी है. इन सभी परियोजनाओं पर सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की निगरानी में काम किया जा रहा है.


इनमें से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे परियोजना को चार चरण में पूरा करने का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार 3159 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के इसके पहले चरण में निजामुद्दीन पुल से एनएच 24 पर यूपी बॉर्डर तक का काम अंतिम चरण में है. जबकि यूपी बॉर्डर से डासना, डासना से हापुड़ और हापुड़ से मेरठ तक तीन चरणों में एक्सप्रेस वे का काम पूरा किया जायेगा.


राजस्थान और एनसीआर में गुड़गांव की तरफ से आने वाले और दिल्ली से होकर गुजरने वाले वाहनों से निजात दिलाने के लिये एनएचएआई की दूसरी निमार्णाधीन अहम परियोजना द्वारका एक्सप्रेस वे है. एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर दिल्ली में शिवमूर्ति से गुड़गांव के खेड़की दौला तक बनने वाले 28 किमी लंबे इस एक्सप्रेस वे का काम मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है. आईजीआई के टर्मिनल टी 3 से गुजरने वाला यह मार्ग दिल्ली गुड़गांव एक्सप्रेस वे पर वाहनों के बोझ को कम करने में मददगार साबित होगा.


अन्य परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट में एनएचएआई ने मंत्रालय को बताया है कि एनएच 248 ए पर दिल्ली हरियाणा बॉर्डर से सोहना चौक तक 13 किमी लंबे मार्ग का प्रस्ताव विचाराधीन है. जबकि एनएच 8 पर एम्बियेंस मॉल से राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कैंप तक प्रस्तावित ट्रांजिट रोड का काम पूरा होने पर एनएच 8 पर यातायात में खासी गिरावट आयेगी. साथ ही इससे दिल्ली गुड़गांव को मानेसर से जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग भी मिलेगा. इन परियोजनाओं की डीपीआर तैयार कर ली गयी है.


एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर दिल्ली से होकर अन्य राज्यों को जाने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की जरूरत नहीं रह जायेगी. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली से होकर प्रतिदिन दूसरे राज्यों को जाने वाले ऐसे वाहनों की औसत संख्या 2.5 लाख है. इससे दक्षिणी दिल्ली में यातायात जाम की समस्या भी काफी हद तक कम हो जायेगी.


रिपोर्ट के अनुसार एनएचएआई 195 किमी लंबी दिल्ली जयपुर एक्सप्रेस वे परियोजना पर भी काम कर रहा है. एनएचएआई ने दिल्ली और जयपुर के बीच की मौजूदा दूरी 40 किमी कम करने वाले इस मार्ग का खाका तैयार कर जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया है.


रिपोर्ट में एनएचएआई ने दिल्ली के शहरी विस्तार को देखते हुये बाहरी दिल्ली के इलाकों को अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर) योजना के जरिये जोड़ने का भी प्रस्ताव दिया है. इसमें महरौली, रजोकरी, बिजवासन, नजफगढ़ को एनएच 8, एनएच 10 और एनएच 1 से जोड़ने की योजना प्रस्तावित है.