Navjot Singh Sidhu ने दिखाए बगावती तेवर, बोले- मैं चुनाव में इस्तेमाल होने वाला Showpiece नहीं
नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने कहा कि वह बगैर किसी लालच के कैप्टन सरकार का साथ देने के लिए तैयार हैं लेकिन ऐसे में सरकार को आम जनता के लिए जरूरी एजेंडे को लागू करना पड़ेगा. अगर सरकार ऐसा करने में नाकाम रहती है तो उन्हें किसी भी पद की जरूरत नहीं है.
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी खींचतान पार्टी के लिए नई मुसीबत साबित हो रही है. पार्टी के ही कई नेता मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती रुख अपनाए हुए हैं. अब पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सिद्धू काफी दिनों से अमरिंदर सिंह के खिलाफ सख्त तेवर दिखा रहे हैं.
'चुनाव जीतने के लिए मेरा इस्तेमाल'
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को कहा कि वह सिर्फ चुनाव में जीत के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शोपीस (दिखावटी सामान) नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह पार्टी और राज्य सरकार में कोई भी पद नहीं लेना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान पर उनका भरोसा कायम है.
सिद्धू ने कहा कि वह बगैर किसी लालच के कैप्टन सरकार का साथ देने के लिए तैयार हैं लेकिन ऐसे में सरकार को आम जनता के लिए जरूरी एजेंडे को लागू करना पड़ेगा. अगर सरकार ऐसा करने में नाकाम रहती है तो उन्हें किसी भी पद की जरूरत नहीं है.
पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि ये लोग सिर्फ चुनाव जीतने के लिए मेरा इस्तेमाल करना चाहते हैं लेकिन मैं ऐसे सिस्टम में रहकर काम करने के लिए क्यों तैयार रहूंगा. सिद्धू ने कहा कि इससे बेहतर है कि मैं अकेले काम करूं न कि सिर्फ दर्शनी घोड़ा या शोपीस बनकर रहूं.
कैप्टन पर साधा निशाना
पंजाब में डिप्टी सीएम या प्रदेश कांग्रेस चीफ बनने की संभावनाओं पर सिद्धू ने कहा कि ये लोग आपको चैन से काम करने ही नहीं दे सकते. मैंने इस तरह के सभी प्रस्तावों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. अपने बगावती तेवर पर सिद्धू ने कहा कि अगर सिस्टम जनता की भलाई के लिए की गई मेरी मांगों को खारिज करेगा तो मैं ऐसे सिस्टम को ही खारिज करता हूं.
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दो कांग्रेसी विधायकों के बेटों को नौकरी देने के मुद्दे पर भी सिद्धू ने कैप्टन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह संविधान की मर्यादा और आत्मा के खिलाफ है और इसके लिए क्या योग्यता तय की गई थी? उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में मेरे परिवार ने उदाहरण पेश किए हैं. सिद्धू ने कहा कि अगर सांत्वना ही कोई पैमाना है तो इसका फायदा किसे मिलने चाहिए था.