चंडीगढ़: पंजाब कैबिनेट में हुए फेरबदल में नवजोत सिंह सिद्धू का विभाग बदले जाने के एक दिन बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया, जिसके चलते ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वह नया पदभार संभालेंगे या नहीं. क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर शुक्रवार को मीडिया से दूर रहे. उनके एक सहयोगी ने सिद्धू के अगले कदम को लेकर लगाए जा रहे कयास के बीच मंत्री के बारे में कुछ भी खुलासा करने से इनकार कर दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से तकरार के बीच गुरुवार को पंजाब कैबिनेट फेरबदल में सिद्धू से स्थानीय शासन, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग वापस ले लिया गया. उन्हें ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग सौंपा गया. कैबिनेट की एक बैठक से सिद्धू के दूर रहने के कुछ घंटों बाद यह फेरबदल किया गया, जिसमें ज्यादातर मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए.


हालांकि, सिद्धू ने गुरुवार को अपने आधिकारिक आवास पर मीडिया से बात करने का विकल्प चुना. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के लिए उनके विभाग को सार्वजनिक रूप से निशाना बनाया गया.


 



इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सिद्धू का विभाग बदले जाने पर एक ट्वीट में तंज किया, "...और अब सिद्धू को ऊर्जा (विभाग) दिया गया है ताकि सिद्धू बेहतर प्रदर्शन कर सकें और ग्रामीण इलाकों में भी यही नतीजे हासिल कर सकें."  


वहीं, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी विधायक अमन अरोड़ा ने ऊर्जा मंत्री बनने पर सिद्धू को बधाई दी और पिछली शिअद-भाजपा सरकार के दौरान निजी ताप विद्युत संयंत्रों के साथ किए गए बिजली खरीद के तीन समझौतों की समीक्षा करने का अनुरोध किया.