नई दिल्ली: चीन के हमले में लद्दाख सीमा स्थित गलवान घाटी में 20 सैनिकों के शहीद होने की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में एनसीपी नेता शरद पवार ने राहुल गांधी के उस सवाल पर आपत्ति जताई. जिसमें उन्होंने सरकार से पूछा कि गलवान में सिपाहियों को निहत्थे क्यों भेजा गया?


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शरद पवार में मीटिंग में कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए हैं या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है. 


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विदेश मंत्री ने भी राहुल को दिया था जवाब


हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के सवाल का करारा जवाब दिया था. विदेश मंत्री ने ट्वीट में लिखा था- 'हमें सीधे तथ्यों को समझ लेना चाहिए. सीमा पर तैनात सिपाही हमेशा हथियार साथ रखते हैं. खासकर तब जब वे अपनी जगह को छोड़ते हैं. 15 जून को गलवान घाटी में तैनात जवानों ने भी कुछ ऐसा ही किया. लेकिन लंबे समय से (1996 और 2005 के समझौते के अनुसार) एलएसी पर फेसऑफ के दौरान हथियारों का इस्‍तेमाल नहीं होता है.'


आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी करते हुए मोदी सरकार ने सवाल पूछा था, 'भाइयों और बहनों, चीन ने हिंदुस्तान के शस्त्रहीन सैनिकों की हत्या करके एक बहुत बड़ा अपराध किया है. मेरा सवाल है कि इन वीरों को बिना हथियार खतरे की ओर किसने भेजा और क्यों भेजा. कौन जिम्मेदार है. धन्यवाद.'


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