शिवसेना ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए उसका समर्थन करने की बात कही, तो वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर कई सवाल खड़े किये.
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नई दिल्ली: चीन के हमले में 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक हुई. जिसमें कुल 20 राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया. चौंकाने वाली बात यह रही कि सीमा मुद्दे पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की राय अलग-अलग है. जहां शिवसेना ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए उसका समर्थन करने की बात कही, तो वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर कई सवाल खड़े किये.
बैठक में शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हम सब एक हैं. यह भावना है. हम पीएम और देश की सेना और उनके परिवारों के साथ हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'भारत शांति चाहता है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह कमजोर है. भारत मजबूत है, मजबूर नहीं. हमारी सरकार के पास आंखें निकालकर हाथ में देने की ताकत है.'
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कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ सवाल उठाते हुए कहा, 'चीनी सैनिकों ने किस तारीख को घुसपैठ की सरकार को यह साफ करना चाहिए. क्या सरकार को सैटेलाइट तस्वीरें नहीं मिलीं? क्या इंटेल ने असामान्य गतिविधि की रिपोर्ट नहीं की है? सरकार को कब पता चला कि घुसपैठ हुई? पीएम मोदी को राजनीतिक रूप से बात करने का भी प्रयास करना चाहिए था.' उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार को सीमा विवाद पर और जानकारी साझा करने की जरूरत है. राष्ट्र को यथास्थिति के बहाल होने के आश्वासन की जरूरत है. सोनिया ने कहा कि सरकार को विपक्षी पार्टियों को नियमित तौर पर जानकारी देनी चाहिए.
शरद पवार ने मीटिंग में इस बात पर जोर दिया कि सैनिकों ने हथियार उठाए हैं या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है. वहीं सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने पीएम मोदी पर भरोसा होने की बात कही. उन्होंने कहा, 'हमें पीएम पर पूरा भरोसा है. अतीत में भी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई, तो पीएम ने ऐतिहासिक निर्णय लिए.'
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सर्वदलीय बैठक में तेलंगाना सीएम केसीआर ने कहा कि कश्मीर पर पीएम की स्पष्टता ने चीन को नाराज कर दिया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पीएम के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान ने चीन को झकझोर दिया है.
सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि हमें अपने गठबंधन में खींचने के लिए अमेरिकी प्रयासों का विरोध करने की जरूरत है और सीताराम येचुरी ने पंचशील के सिद्धांतों पर जोर दिया.
भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने कहा कि हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं.
बसपा सुप्रीम मायावती ने विदेश मंत्रालय की तरफ से पेश किए गए प्रेजेंटेशन पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि व्यापार और निवेश के मोर्चे पर चीन से मोर्चा लिए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि यह वक्त राजनीति करने का नहीं है, पीएम मोदी इस मसले पर जो भी फैसला लेंगे, वे पूरी तरह से उनके साथ हैं.
डीएमके के एमके स्टालिन ने पीएम मोदी के चीन मुद्दे पर दिए गए हालिया बयानों का स्वागत करते हुए कहा, 'जब हम देशभक्ति की बात करते हैं तो हम एकजुट होते हैं.'
एनपीपी प्रमुख कोनराड संगमा ने कहा, 'सीमा पर इंफ्रा का काम रुकना नहीं चाहिए. चीन म्यांमार और बांग्लादेश सीमा पर टकराव चिंताजनक है. पीएम पूर्वोत्तर में इन्फ्रा पर काम कर रहे हैं, यह काम जारी रहना चाहिए.'
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