आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी के बाद कांग्रेस लगातार हमलावर, लेकिन क्या है BJP का प्लान? NDA की बैठक में सबकुछ हो गया तय
BJP vs Congress Over BR Ambedkar: बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की राज्यसभा में की गई टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने दावा किया था कि यह बाबा साहब बीआर आंबेडकर का `अपमान` था. कांग्रेस के हमलों से मुकाबला करने के लिए बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए में शामिल दलों ने एकजुटता का संदेश दिया है.
NDA Meeting to Counter Congress: बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की टिप्पणी को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी में है और बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) में शामिल दलों के साथ अहम बैठक की. नई दिल्ली स्थित जेपी नड्डा (JP Nadda) के आवास पर हुई बैठक में संविधान और डॉ. बीआर आंबेडकर के मुद्दे पर विपक्ष का मुकाबला करने के लिए एकजुट मोर्चा बनाने के तरीकों पर चर्चा की गई.
टीडीपी ने बेहतर समन्वय पर दिया जोर
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रमुख सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने एनडीए (NDA) के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया. टीडीपी ने कहा कि जिस तरह इंडिया (I.N.D.I.A) ब्लॉग सरकार और सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमला करने के लिए एकजुट है, एनडीए को भी उसी तरह का समन्यव दिखाना होगा. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की राज्यसभा में की गई टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने दावा किया था कि यह बाबा साहब बीआर आंबेडकर का 'अपमान' था.
बैठक में किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के कुछ घंटे बाद एनडीए (NDA) नेताओं ने जेपी नड्डा (JP Nadda) के घर पर करीब एक घंटे तक बैठक की. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने अमित शाह (Amit Shah) की टिप्पणी, जाति जनगणना और सामाजिक न्याय की राजनीति को लेकर भाजपा के खिलाफ विपक्ष के हमले पर चर्चा की.
टीडीपी ने एनडीए में एकजुटता पर दिया जोर
बताया जा रहा है कि अमित शाह ने टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू समेत नेताओं से कहा कि कांग्रेस 'गलत नैरेटिव' बनाने की कोशिश कर रही है. सूत्रों ने बताया कि टीडीपी का भी मानना है कि विपक्ष एक 'झूठी कहानी' फैला रहा है. इससे संदेश साफ है कि एनडीए को एकजुट होकर विपक्ष की 'गलत नैरेटिव'का मुकाबला करना होगा और इसके लिए सहयोगियों के बीच समन्वय की जरूरत है.
सूत्रों ने बताया कि भाजपा नेताओं ने जनता को गुमराह करने के लिए आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को मुद्दा बनाने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा. चर्चाओं से परिचित एक नेता ने कहा, 'बैठक में हमें बताया गया कि जब अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण में यह टिप्पणी की तो कांग्रेस सांसदों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन, बाद में कांग्रेस नेताओं ने एक बैठक की, जिसमें राहुल गांधी मौजूद थे और उन्होंने इस टिप्पणी को मुद्दा बनाने का फैसला किया. इसलिए, कांग्रेस ने केवल ध्यान आकर्षित करने के लिए अमित शाह की टिप्पणी को मुद्दा बनाने की साजिश रची.
कांग्रेस से टक्कर के लिए क्या है बीजेपी का प्लान?
वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा नेताओं ने एनडीए सदस्यों को पिछली कांग्रेस सरकारों के कामों के बारे में भी बताया, जैसे 'आंबेडकर का अपमान करना' और आपातकाल लगाना. भाजपा ने एनडीए सहयोगियों से जमीनी स्तर पर कांग्रेस को 'बेनकाब' करने और लोगों को यह बताने का आह्वान किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने आंबेडकर की स्मृति का सम्मान करने के लिए क्या किया है– जैसे पंच तीर्थ (पांच तीर्थस्थल) विकसित करना – और कल्याणकारी योजनाओं में दलितों को उनका उचित हिस्सा देकर उनके 'सशक्तिकरण' के लिए क्या किया है.
महाराष्ट्र और हरियाणा के नतीजों से खुशी
सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद भाजपा के सहयोगी दलों के नेताओं ने भी जेपी नड्डा से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और अपने-अपने एजेंडे और राज्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बैठक में मौजूद नहीं थे. जेडी(यू) का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और शिवसेना का प्रतिनिधित्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव ने किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और जेडी(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी, नागरिक उड्डयन मंत्री और टीडीपी नेता के राममोहन नायडू, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, जीतन राम मांझी और संजय निषाद भी मौजूद थे.
सूत्रों ने बताया कि अमित शाह ने हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों पर विस्तार से बात की, जिसमें संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्या हुआ और उससे क्या सीख मिली, इस पर भी बात की. उन्होंने नेताओं से कहा कि कांग्रेस ने कभी आंबेडकर का सम्मान नहीं किया, लेकिन अब वह अपने पक्ष में एक कहानी गढ़ने की कोशिश कर रही है, जिसका मजबूती से और एकजुट होकर मुकाबला किया जाना चाहिए. कहा जाता है कि बैठक में शामिल नेताओं ने लोकसभा चुनावों में गठबंधन की सीटों में मामूली गिरावट के महीनों बाद महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में एनडीए की जीत पर खुशी जताई.
कांग्रेस की बैठक से ठीक पहले बीजेपी की मीटिंग
एनडीए की यह बैठक बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक से एक दिन पहले हुई, जहां आंबेडकर और जाति जनगणना के मुद्दों पर भाजपा के खिलाफ एक नया हमला करने की तैयारी है. कांग्रेस की बैठक के बाद एक सार्वजनिक रैली होगी, जिसे जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली नाम दिया गया है. 1924 में महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कांग्रेस आंबेडकर और संविधान के मुद्दे पर भाजपा और एनडीए को घेरने का इरादा है.