नई दिल्ली: विदेशी हस्तियों द्वारा भारत की छवि खराब करने और भ्रामक सूचनाएं वायरल करने लिए सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर (Twitter) के प्रयोग के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपना रखा है. कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बारे में गलत जानकारी फैलाने को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए ट्विटर (Twitter) को भड़काऊ कंटेंट फैलाने वाले 1178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट को हटाने का निर्देश दिए थे जिस पर ट्विटर ने सरकार को जवाब दे दिया है. दूसरी तरफ अब भारत में ट्विटर के विकल्प के तौर पर स्वदेशी प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने की भी चर्चा तेज है. इसको ट्विटर को भारत का जवाब माना जा रहा है. ट्विटर के जवाब में स्वदेशी ब्लागिंग प्लेटफॉर्म कु (Koo App) तैयार है. भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कु को एक कंपटीशन के बाद आईटी मंत्रालय ने चुना था.


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दरअसल अमेरिका में कैपिटल हिल पर हुए प्रदर्शन को लेकर डोनाल्‍ड ट्रंप के ट्वीट को ब्लॉक किया लेकिन 26 जनवरी लाल किले पर प्रदर्शन को ट्विटर ने अभिव्यक्ति की आज़ादी माना. सरकार के बार-बार नोटिस के बावजूद ट्विटर पुख्ता फैसला नही ले पाया. कभी ब्लॉक किया और फिर तुरंत उसे खोल भी देता था.


ट्विटर के विकल्प पर चर्चा तेज
ट्विटर (Twitter) के विकल्प के तौर पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट Koo App पर तेजी से लोग स्विच कर रहे हैं. यही वजह है कि अब भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कु को मोदी सरकार के मंत्री तरजीह दी रहे हैं. लाखो फॉलोवर वाले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी ने कु प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू किया. जल्द ही दूसरे मंत्री भी कु का इस्तेमाल करेंगे.




इस कड़ी में अब बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कू पर अकाउंट बनाए जाने की जानकारी दी है. संबित पात्रा ने ट्वीट किया है, 'मित्रों अब मैं Koo पर हूं.' उन्होंने यहां अपने अकाउंट का लिंक भी शेयर किया है. बता दें, कू ने आत्मनिर्भर भारत एप्लीकेशन चैलेंज में भी हिस्सा लिया था. Koo एप की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मन की बात कार्यक्रम में भी कर चुके हैं.


ट्विटर को बीएल संतोष का जवाब
इस बीच ट्विटर (Twitter) ने बताया है कि किसी भी मीडिया संस्थान, पत्रकार या एक्टिविस्ट के अकाउंट बैन नहीं किए गए हैं. ट्विटर ने कहा, 'किसी भी मीडिया संस्थान, पत्रकार, एक्टिविस्ट और नेता के अकाउंट के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है. भारतीय कानून के तहत अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार है.' इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया है, 'आप कह रह हैं कि आप मंच हैं. फिर आप तय करें कि क्या हटाना है और क्या नहीं. आपको लॉ ऑफ लैंड के मुताबिक एक्ट करना होगा. आपके अपने नियम नहीं हो सकते, देश संविधान पर आधारित है न कि कुछ कॉर्पोरेट नियमों पर.'



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ट्विटर ने भारत सरकार के साथ बातचीत का अनुरोध किया था लेकिन इससे पहले ही ट्विवटर के ब्लॉग ने गतिरोध और बढ़ा दिया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने कहा है कि, ट्विटर के अनुरोध पर मंत्रालय के सचिव ट्विटर के वरिष्ठ प्रबंधन के संपर्क में थे लेकिन इससे पहले ही ट्विटर की प्रतिक्रिया असामान्‍य है. सरकार जल्द ही इसका जवाब देगी.


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