Independence Day 2023: तिरंगे का इतिहास, कब अपनाया गया, किसने किया था डिजाइन?
Indian National Flag: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है. यह देशभक्ति, स्वतंत्रता और देश के सम्मान का प्रतीक है. साथ ही, यह हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है.
Independence Day: भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम और उल्लास के साथ मना रहा है. आज के दिन प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर तिरंगा फहराया जाता है. आज हम आपको तिरंगे के बारे कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बताएंगे. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है. यह देशभक्ति, स्वतंत्रता और देश के सम्मान का प्रतीक है. साथ ही, यह हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है.
भारतीय ध्वज में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा रंग है, सभी समान अनुपात में हैं. इसमें सफेद पट्टी के मध्य में देश का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चक्र भी अंकित है.
राष्ट्रीय ध्वज का केसरिया रंग देश की शक्ति और साहस का प्रतिनिधित्व करता है. बीच का सफेद रंग शांति का प्रतीक है जबकि हरा रंग उर्वरता, समृद्धि और भूमि की शुभता का प्रतीक है. 'अशोक चक्र' इस बात का प्रतीक है कि गति में जीवन है और स्थिरता में मृत्यु है.
15 अगस्त, 1947 को देश को ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने से कुछ दिन पहले, 22 जुलाई, 1947 को आयोजित संविधान सभा की बैठक के दौरान भारतीय तिरंगे को इसके वर्तमान स्वरूप में अपनाया गया था. तिरंगे को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था.
भारतीय ध्वज संहिता 26 जनवरी 2002 से प्रभावी हुई जिसके तहत भारत के नागरिकों को अपने घरों, या कार्यस्थलों पर किसी भी दिन, [न कि केवल राष्ट्रीय दिवस पर], जैसा कि पहले होता था, तिरंगा फहराने की अनुमति दे दी गई.
अब, भारतीय गर्व से राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकते हैं. हालांकि, तिरंगे को फहराने से जुड़े कुछ नियम भी हैं. किसी को भी झंडे का इस्तेमाल तकिये के कवर, टेबल कवर या बेडशीट के रूप में नहीं करना चाहिए.
यह ध्यान रखना चाहिए कि झंडा हमेशा वक्ता के दाहिने हाथ में होना चाहिए, क्योंकि 'दाहिना' अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है. जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाए तो उसे पूरी तरह से फैलाया जाना चाहिए. इसे जानबूझ कर जमीन छूने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
हमारा राष्ट्रीय ध्वज देश के नागरिकों का प्रतिनिधित्व करता है. यह हमारी एकता और संप्रभुता का प्रतीक है. इसका किसी भी तरह से अनादर नहीं किया जाना चाहिए या हेय दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए.