नई दिल्ली: रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के एक संघ ने नीट-पीजी 2021 (NEET PG) की काउंसलिंग में देरी पर अपना आंदोलन तेज करते हुए शनिवार को कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द से जल्द पूरी नहीं हुईं तो उसके सदस्यों को सेवाओं से ‘सामूहिक इस्तीफा’ देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. दिल्ली के कई रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी शनिवार को यहां अपना विरोध दर्ज कराते हुए ‘दीया’ जलाया, जबकि शहर में विभिन्न अस्पतालों में मरीजों की देखभाल प्रभावित रही. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) पिछले कई दिनों से प्रदर्शन की अगुवाई कर रहा है.


जारी रहेगा आंदोलन


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फोर्डा ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि भविष्य के आंदोलन पर चर्चा करने के लिए विभिन्न राज्यों के रेजिडेंट डॉक्टर संघों के प्रतिनिधियों के साथ शाम को फोर्डा ने एक डिजिटल बैठक बुलाई थी. इसने कहा, ‘चूंकि संबंधित मामले में अधिकारियों द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, इसलिए सर्वसम्मति से आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया. बैठक के दौरान यह भी चर्चा हुई कि अगर मांग जल्द से जल्द पूरी नहीं की जाती है तो देश भर में प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर सेवाओं से सामूहिक इस्तीफे पर आगे बढ़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे'.


पीजी काउसलिंग में देरी को लेकर पीएम मोदी को लिखा था पत्र


बता दें पिछले दिनों इडियन एसोशिएशन (आईएमएम) ने नीट-पीजी 2021 की काउसलिंग में देरी के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को इस संकट से समाधान लिए हस्तक्षेप करने को कहा था. साथ ही पीएम से अनुरोध किया था कि कोरोना वायरस की संभावित तीसर लहर का सामना करने के लिए हेल्थ कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए.


आश्वासन मिलने पर एक हफ्ते लिए हड़ताल को किया था स्थागित


उल्लेखनीय है कि 9 दिसंबर को रेजिडेंट डॉक्टरों ने फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (एफओआरडीए) द्वारा बुलाई गई हड़ताल को एक सप्ताह के लिए स्थगित किया था. उन्होंने यह फैसला स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अदालत से सुनवाई तेज करने का अनुरोध करने और काउंसलिंग की प्रक्रिया को गति देने के आश्वासन के बाद किय था. हालांकि, एफओआरडीए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर सूचित किया कि वह 17 दिसंबर से दोबारा हड़ताल शुरू कर रहा है.